जयपुर। पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड की गूंज लोकसभा में सुनाई दी। झारखंड के कोडरमा से भाजपा सांसद रवींद्र कुमार राय ने जोर-शोर तरीके से मजीठिया वेजबोर्ड और पत्रकारों के शोषण का मुद्दा लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत उठाया। राय ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र में अपनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। कुछ पत्रकारों को जीवनयापन करने लायक वेतन नहीं मिलता। देश में पत्रकारों के वेतन और सुविधाओं में वृद्धि के लिए जस्टिस जी.आर. मजीठिया वेजबोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड ने सभी तथ्यों को देखकर अपनी सिफारिशें सरकार को दीं और 11 नवंबर 2011 को इसे अधिसूचित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बड़े खेद का विषय है कि आज तक भी अखबार मालिकों ने पत्रकारों को उनका हक नहीं दिया है। इस तरह की अवमानना के कई मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। मेरा आपके माध्यम से सरकार से अनुरोध है कि देश के सभी पत्रकारों को मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार सुविधाएं तत्काल दी जाएं। मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें न मामने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, ताकि पत्रकारों को उनका हक मिल सकें। उन्होंने कहा कि देशभर में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले को देखते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से कांग्रेस सांसद अधीरंजन चौधरी ने भी लोकसभा में पत्रकारों के शोषण का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रूप में स्थापित है। देशभर में पत्रकार मालिकों के शोषण का शिकार हो रहे हैं। उन्हें अकारण अखबारों और न्यूज चैनल्स ने बर्खास्त किया जा रहा है।

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