Granddaughter, Chandragupta Varshney, bal vijay

जयपुर। मूर्धन्य स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार रहे स्वर्गीय चन्द्रगुप्त वार्ष्णेय की पौत्री दीपाली अग्रवाल ने सर्वोदयी विचारक बाल विजय भाई से सोमवार को मुलाकात की। पेशे से प्राकृतिक चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ता दीपाली अग्रवाल ने बाल विजय भाई से अपने दादा चन्द्रगुप्त वार्ष्णेय के महात्मा गांधी से जुड़े संस्मरण साझा किये।

महान सर्वोदयी संत आचार्य विनोबा भावे के परम शिष्य 94 वर्षीय बाल विजय भाई खादी मिशन के राष्ट्रीय अधिवेशन के सिलसिले में जयपुर आये हुए थे और बजाजनगर स्थित खादी एवं ग्रामोघोग संस्थासंघ परिसर में ठहरे थे । दीपाली अग्रवाल ने उन्हें बताया कि चन्द्रगुप्त वार्ष्णेय ने दो साल तक सेवाग्राम, वर्धा में महात्मा गांधी के आश्रम में रहकर वहाँ गांधीजी के निर्देशन में ‘ हरिजन सेवक संघ ‘ का काम संभाला था। वार्ष्णेय ने विदेशी पत्रकार लुई फिशर की महात्मा गांधी पर लिखी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद भी किया था। जो कि गांधीजी से संबंधित लोकप्रिय पुस्तकों में से एक है। दीपाली अग्रवाल ने बाल विजय भाई को बताया कि लेखक एवं पत्रकार चन्द्रगुप्त वार्ष्णेय ने अपनी 97 वर्ष की आयु प्राप्त की और आजीवन महात्मा गांधी के मूल्यों पर दृढ़प्रतिज्ञ रहे। अपने जयपुर प्रवास के बाद बाल विजय भाई भी सोमवार को सायं वर्धा स्थित पवनार आश्रम प्रस्थान कर गये।

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