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जयपुर । अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा घोषित आम हडताल को देखते हुये राजस्थान सरकार ने महासंघ को वार्ता का निमन्त्रण दिया। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने अधिकारिक रूप से सरकार के प्रतिनिधियों राजेन्द्र सिंह राठौड, अध्यक्ष मंत्रीमण्डलीय उप समिति (कर्मचारी कल्याण), दिगम्बर सिंह, सदस्य, डी.बी. गुप्ता, र्प्रमुख शासन सचिव (वित्त), भास्कर सावंत, प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक), राजस्थान सरकार से द्विपक्षीय वार्ता सम्पन्न हुई। वार्ता सकारात्मक एवं सौहार्दपूर्ण रही। महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने जानकारी देते हुये बताया कि महासंघ की 11 अक्टुबर 2017 को घोषित आम हडताल की तैयारियां पूर्ण हो चुकी थी एवं महासंघ हडताल के लिये तैयार था।

आज राजस्थान सरकार के निमन्त्रण पर सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता उपरान्त आम हडताल 15 दिवस के लिये स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रीमण्डलीय उप समिति के अध्यक्ष राठौड ने विषय की गंभीरता को देखते हुये महासंघ के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि कर्मचारियों का हडताल पर जाना उचित नहीं है एवं सरकार कर्मचारियों की मांगो के प्रति संवेदनशील है। सरकार शीघ्र ही सातवें वेतन आयोग की लाभकारी सिफारिशें लागू करने जा रही है। इस पर महासंघ अपने निर्णय पर अडिग रहा। सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा महासंघ से दूसरे दौर की वार्ता पुन: प्रारम्भ की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 15 दिवस में प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक) महासंघ के साथ वार्ता कर 15 सूत्रीय मांगो के सम्बन्ध में सकारात्मक प्रस्ताव सरकार को प्रस्तुत करेंगे एवं इसके उपरान्त मंत्रीमण्डलीय उप समिति महासंघ से वार्ता कर मांगो का न्याय संगत निराकरण करवायेंगे।

2800 ग्रेड पे तक प्राप्त कर रहे कर्मचारियों द्वारा की जा रही वसूली के सम्बन्ध में समिति ने प्रमुख शासन सचिव (वित्त) को निर्देश दिये की कर्मचारियों की वसूली तुरन्त प्रभाव से रोक दी जावें। महासंघ के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार द्वारा सप्ताह में 6 दिन कार्य दिवस किये जाने का विरोध किया एवं इसे राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति करार दिया। राज्य सरकार के समक्ष सहायक कर्मचारियों को एमटीएस (मल्टी टास्क सर्वेन्ट) बनाने के शीघ्र आदेश प्रसारित करने का आश्वासन दिया। वार्ता उपरान्त महासंघ द्वारा जिला कलेक्ट्रेट जयपुर के समक्ष दिया जा रहा धरना स्थगित कर दिया गया है। महासंघ ने निर्णय लिया है कि आंदोलन के आगामी चरणों की रूप रेखा, रणनीति तय करने एवं आंदोलन संचालन करने के लिये मूलचन्द गुर्जर वरिष्ठ उपाध्यक्ष को संघर्ष संयोजक नियुक्त किया गया है एवं 15 सदस्यीय संघर्ष समिति गठित की गयी है। वार्ता में महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के गुप्ता, उपाध्यक्ष मुरारीलाल पारीक, योगेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड, संयुक्त महामंत्री अर्जुन शर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, प्रदेश मंत्री नारायण सिंह, धमेन्द्र फोगाट, महेन्द्र कुमार तिवारी, सोहनलाल डारा, चन्द्रशेखर गुर्जर जिलाध्यक्ष जयपुर आदि कर्मचारी नेता उपस्थित रहें।

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