JAIPUR. छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का टोकन लेने की लाइन में किसान की मौत के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सरकार से परोलिया गांव के निवासी मृतक अमृतलाल मीणा के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। विधायक ने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप और भीषण गर्मी में टोकन बांटन के लिए किसानों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए था, लेकिन छबड़ा तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापति की जिद की वजह से ऐसा हुआ। इसकी कीमत एक किसान को जान देकर चुकानी पड़ी।

सिंघवी ने कहा कि तहसीलदार के निर्देश पर निपानिया के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर टोकन बांटने के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा और न ही धूप से बचने के लिए छाया की कोई व्यवस्था की। इस बदइंतजामी से सभी किसानों को परेशानी हुई, लेकिन अमृतलाल मीणा इसे झेल नहीं पाए। वे धूप और गर्मी से लाइन में खड़े-खड़े ही बेहोश हो गए। उन्होंने कहा कि इतना होने पर भी प्रशासन ने उन्हें तुरंत अस्पताल भेजना जरूरी नहीं समझा। उन्हें स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।

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