आरटीआई के तहत हुआ खुलासा: जयपुर की रघु सेल्स कार्पोरेशन ने फर्जी वर्क कंपलीशन के दस्तावेज पेश करके लिए करोड़ों रुपए के टेंडर
जयपुर। गरीब व वंचित लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने की केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना डिस्कॉम के अफसरों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की चपेट में आ रही है। नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए डिस्कॉम ऐसी फर्मों को करोड़ों रुपयों के ठेके देकर उपकृत कर रही है, जिनके पास ना तो तय शर्तों के मुताबिक अनुभव है और ना ही हैसियत। ठेके लेने के लिए चहेती फर्म व कंपनी फर्जी दस्तावेज लगा रही है।
डिस्कॉम के अफसरों को भी ऐसी फर्मों के हर फजीर्वाडे का पता है, लेकिन कमीशन के लालच में वे भी इनके साथ मिलकर सरकारी कोष को चपत लगाने में लगे हुए है। अजमेर डिस्कॉम में टेण्डर शर्तों का उल्लंघन करने वाली एक चहेती फर्म को करोड़ों रुपए के ठेके देकर उपकृत किया है। इस फर्म को चित्तौडगढ़ और भीलवाड़ा में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत अस्सी करोड़ रुपए के ठेके दिए गए हैं। रघु सेल्स कापोर्रेशन को दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना में बिजली से वंचित गांवों व घरों तक विद्युत तार लगाने, ट्रांसफार्मर स्थापित करने, तार लगाने आदि से जुड़े कार्य करने है। इन कार्यों के टेण्डर शर्तों के मुताबिक, निविदाकर्ता फर्म को पूर्व में किए गए कार्यों के वर्क कंपलीशन सर्टिफिकेट देना जरुरी था। साथ ही संबंधित क्षेत्र में होने वाले कार्यों के कार्यालयों में ये दस्तावेज जमा करवाने, एक्सईएन स्तर के अभियंता से वर्क कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करवाकर डिस्पेच नंबर लेना जरुरी है।
आरटीआई कार्यकर्ता कुलदीप सिंह शेखावत की ओर से इस मामले में सूचना के अधिकार में प्राप्त दस्तावेज के मुताबिक टेण्डर प्राप्त करने वाली फर्म रघु सेल्स कापोर्रेशन ने टेण्डर शर्तों की पालना नहीं की। फर्म ने ना तो वर्क कंपलीशन के दस्तावेज संबंधित कार्यालयों में जमा करवाए है और ना ही एक्सईएन से इन दस्तावेज की जांच करवाकर डिस्पेच नंबर लिए। रघु सेल्स कापोर्रेशन के इस फजीर्वाड़े की लिखित शिकायतें भी डिस्कॉम के आला अफसरों को कर दी, लेकिन मिलीभगत के चलते फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। फर्जी दस्तावेज लगाकर करोड़ों रुपए के ठेके लेने वाली इस फर्म को जरुरत से ज्यादा उपकृत किया जा रहा है। फर्म के पास टेण्डर शर्तों के मुताबिक फर्म योग्यता नहीं रखती थी, लेकिन फिर भी इसे अस्सी करोड़ रुपए के कार्य दे दिए गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में इस तरह के फजीर्वाड़े से पूरी योजना पर सवालिया निशान लग रहे हैं। चर्चा है कि शिकायतों के बावजूद डिस्कॉम के आला अभियंताओं व अफसरों ने इस फर्म को इसी योजना में करोड़ों रुपए के दूसरे ठेके भी नियम विरुद्ध तरीके से दे दिए हैं। इस पूरे खेल में कमीशन का मोटा खेल हो रहा है, साथ ही राजकोष को मोटी चपत लग रही है सो अलग। उधर, डिस्कॉम में शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप सिंह शेखावत इस मामले की शिकायत सीबीआई को दे रहे हैं। केन्द्र प्रवर्तित इस योजना में और भी कई फर्मों के फर्जी दस्तावेज पेश कर टेंडर प्राप्त करने के बड़े घपले सामने आ सकते हैं।
-फर्जी दस्तावेज से उठ रहे हैं टेण्डर
आरटीआई में प्राप्त दस्तावेज में सामने आया है कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के आम्रपाली वैशाली नगर कार्यालय, जयपुर डिस्कॉम कार्यालय, कोटपूतली, शाहपुरा व विद्युत निगम के अन्य कार्यालयों से सूचना दी गई है कि रघु सेल्स कापोर्रेशन के वर्क कंपलीशन सर्टिफिकेट कार्यालय में नहीं मिले है और ना ही डिस्पेच नंबर है। संबंधित फर्म के कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी किया है, वह संबंधित कार्यालय से डिस्पेच नहीं है।
आधा दर्जन कार्यालयों से इस तरह के जवाब व जानकारी सामने आने से स्पष्ट है कि टेण्डर लेने और कार्य पूर्ण होने के प्रमाण पत्र में फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस फजीर्वाडे के बारे में अभियंताओं को जानकारी होने पर भी फर्म को बचाया जा रहा है। रघु सेल्स कापोर्रेशन के इस फजीर्वाडे से साफ है कि दूसरी कई कंपनियां व फर्म भी इस तरह के फर्जी दस्तावेज पेश करके ठेके उठा रही है। इस गोरखधंधे में अभियंता भी लिप्त है और इनकी शह पर ही कंपनियां फजीर्वाड़ा कर रही है। यह भी सामने आया है कि कई अभियंता इन फर्मों में साझेदार भी है।