देवस्थान एवं उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत ने ली बैठक, इन्वेस्ट राजस्थान समिट के प्रस्तावों की हुई समीक्षा
जयपुर। देवस्थान, उद्योग, वाणिज्य एवं राजकीय उपक्रम मंत्री शकुन्तला रावत ने रविवार को अजमेर में बैठक में इन्वेस्ट राजस्थान समिट के प्रस्तावों की समीक्षा की। मन्दिरों में दर्शन के लिए बुजुर्गों को वीआईपी मानने के निर्देश दिए।
रावत ने रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक ली। इसमें विभागीय योजनाओं के बारे में विचार विमर्श किया गया। आगामी 7 एवं 8 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इन्वेस्ट राजस्थान समिट के सम्बन्ध में चर्चा की। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, रीको, खादी बोर्ड, अनुसूचित जाति जनजाति विकास निगम के अधिकारियों को निवेशकों  से लगातार सम्पर्क में रहने के लिए कहा गया। अन्र्तविभागीय समन्वय के लिए जिला कलक्टर एवं प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा।
जिला स्तरीय इन्वेस्टमेंट समिट कार्यक्रम के तहत 392 एमओयू किए गए थे। इनमें से 64 ईकाईयों द्वारा एमओयू कार्यान्वित किये जा चुके है। साथ ही 105 ईकाईयों का कार्य प्रक्रियाधीन है। कुछ ईकाईयों के लिए राजस्व विभाग, नगरीय विकास विभाग एवं खनिज विभाग से अनुमति की आवश्यकता थी। इसके लिए जिला कलक्टर के माध्यम से सम्बन्धित विभागों से पत्र व्यवहार किया जा रहा है। कार्यारम्भ से वंचित ईकाईयों से भी सम्पर्क किया जा रहा है।
रावत ने कहा कि हमारे बुजुर्ग ही मंदिरों में दर्शन के लिए वीआईपी हैं। पुष्कर स्थित ब्रह्मा मन्दिर में दर्शनों के लिए बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रामदेवरा मेले के कारण दर्शनार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। उसी के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। बुजुर्गों को मन्दिर पहुंचाने के लिए लिफ्ट अथवा अन्य व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया। इसके लिए अन्य मन्दिरों की सुविधाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है। बुजुर्गों के लिए नगरपालिका द्वारा ई- रिक्शा उपलब्ध करवाए जाएं। इसके माध्यम से बुजुर्ग सीधे मन्दिर पहुंच सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त होमगार्ड लगाकर भी दर्शन सुनिश्चित किया जाए। मन्दिर के पास पूर्व में निर्मित तीन प्याउ को भामाशाहों के सहयोग से पुनः आरम्भ करें। दर्शनार्थियों के लिए छाया, सफाई, शौचालय एवं अन्य सुविधाएं भी दुरस्त की जाए। मन्दिरों में भीड़ प्रबन्धन आवश्यक है। इसके लिए बेरिकेडिंग की व्यवस्था हो। ब्रह्मा मन्दिर प्रबन्धन समिति के द्वारा सीढ़ीयों पर टिन शेड लगाए जाएं। मन्दिर के जीर्णाेद्धार का कार्य तत्काल प्रभाव से आरम्भ हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि मन्दिर परिसर तथा भक्तों की लाईन तक सूचनाएं प्रेषित करने के लिए स्वचालित उद्घोषणा तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए। इसके माध्यम से विनम्रता के साथ सकारात्मक भाषा में निर्देश प्रसारित हों। इसके साथ-साथ लगातार भक्ति धुन एवं भजन भी बजने चाहिए। मन्दिर तथा घाट पर एम्बुलेंस तथा अग्निशमन की व्यवस्था हर समय उपलब्घ रहनी चाहिए। सरोवर  में समस्त घाटों पर गहरे पानी के लिए लाल झण्डियों के संकेतक  लगाए जाएं। घाटों पर से काई की नियमित सफाई हो। बेसहारा पशुओं की रोकथाम के लिए बेरीकेडिंग करें। जनहित के कार्यों में विभागीय अधिकारी अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए गौशालाओं के प्रबन्धकों, पशुपालकों एवं आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है। अजमेर डेयरी के दुग्ध संग्रहण केन्द्रों के माध्यम से अच्छा कार्य हो रहा है। इसमें ग्राम सेवक, कृषि पर्यवेक्षक एवं अन्य कार्मिकों का भी सहयोग लिया जाए।
इस अवसर पर जिला कलक्टर अंश दीप, नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमन्त स्वरूप माथुर, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गौरव सोनी, रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबन्धक जे.पी. शर्मा, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबन्धक रविश शर्मा एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रफुल्ल माथुर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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