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जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के बीकानेर जिले में सस्ती दरों पर जमीन खरीदकर कंपनियों को बेचान करने के बहुचर्चित जमीन घोटाले मामले में आज बड़ी कार्रवाई करते हुए छापे मारे है। बीकानेर जमीन घोटाले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा व उनके नजदीकी लोगों व कंपनियों की कथित लिप्तता की जांच ईडी कर रही है। इसी मामले में ईडी ने आज बुधवार को फरीदाबाद में तीन जगहों पर छापे मारे। ईडी ने महेश नागर व अशोक कुमार के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी की है। ये दोनों रॉबर्ट वाड्रा के करीबी बताए जाते हैं। यह भी सामने आया है कि महेश नागर को वाड्रा की कंपनी ने जमीन खरीदने और बेचने की पावर ऑफ अटार्नी दी थी। अशोक कुमार को जिस व्यक्ति ने जमीनें बेची है, उनमें भी जमीनें खरीदने व बेचने की अटॉर्नी वाड्रा कंपनी ने दी बताई है। ईडी जांच के मुताबिक, अशोक महेश नागर का वाहन चालक रह चुका है और वे दोनों एक ही गांव के हैं। यहीं नहीं महेश नागर का भाई कांग्रेस से विधायक भी है। ईडी ने जो आज छापेमारी की कार्रवाई की है, वह बीकानेर में स्काईलाइट कंपनी के जरिए करोड़ों अरबों की जमीन खरीद फरोख्त का है। इस कंपनी में रॉबर्ट वाड्रा व उनकी मां मोरीन वाड्रा निदेशक हैं। स्काईलाइट कंपनी से बीकानेर की जमीनें एलीजिनी फि नलेज कंपनी ने खरीद ली। राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने सस्ती दरों पर जमीनें खरीदकर महंगी दरों पर बेचान कर दिया। तब राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। तब विधानसभा व लोकसभा चुनाव में बीकानेर जमीनी घोटाले को लेकर भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस को घेरा था। सत्ता में आने पर भाजपा ने इस घोटाले की जांच करवाने का वादा करते हुए इसका घोषणा पत्र में उल्लेख किया था। राजस्थान में सरकार बनने पर भाजपा ने मामले की जांच करवाई। ईडी ने भी कंपनियों द्वारा खरीद-फरोख्त की जमीनों की जांच करके कई जमीनों व प्रॉपर्टी को अटैच कर चुका है। कई बेनामी जमीनों को वापस सरकार के नाम इंद्राज करवाया गया। अभी भी ईडी व दूसरी एजेंसियां मामले की जांच कर रही है।

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