जयपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कर्नाटक में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया। अमित शाह ने दावणगेरे में गांधी भवन, पुलिस पब्लिक स्कूल और जीएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के केन्द्रीय पुस्तकालय का उद्घाटन किया, इन तीनों योजनाओं पर कुल 50 करोड़ रूपए की लागत आई है। साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित कर आज़ादी की लड़ाई में उनके अमूल्य योगदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हे नमन किया। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

 

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि विगत डेढ़-दो साल से देश और दुनिया एक बहुत बड़ी महामारी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी समग्र मानवजाति के लिए चुनौती बन कर खड़ी थी और जहां तक भारत का सवाल है, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हमने कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूती के साथ और सबसे अच्छे तरीक़े से लड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी के कारण हम काफ़ी हद तक इससे बाहर निकल चुके हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई कोरोना वॉरियर्स, सुरक्षाकर्मी, सफ़ाई कर्मचारियों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर समाज को कोरोना से लड़ने की ताक़त दी, कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई और अपना बलिदान भी दिया, मैं इन सबको नमन करता हूँ। शाह ने कहा कि दुनियाभर के देशों और विशेषज्ञों ने ये देखा कि 130 करोड़ की आबादी वाले भारत के लिए इस बीमारी के ख़िलाफ़ लड़ना कितनी बड़ी चुनौती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में सुचारू रूप से चलाया और आज हम गर्व से कह सकते हैं कि सबसे ज़्यादा टीके लगाने वाला देश भारत है।

अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने कोरोना के ख़िलाफ़ बहुत अच्छे तरीक़े से लड़ाई लड़ी और अब तक राज्य में लगभग पांच करोड़ 20 लाख लोगों को टीका लग चुका है, इनमें से चार करोड़ लोगों को पहला और एक करोड़ 16 लाख लोगों को दूसरा टीका भी लग चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि सितंबर के अंत तक लगभग 90 प्रतिशत से ज़्यादा लोगों को टीका लगाने का काम मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जी के नेतृत्व में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और इस बात का एक उदाहरण है कि अगर सरकार लोगों को साथ लेकर चले तो क्या कर सकती है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा ग़रीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का सबसे ज़्यादा असर अगर किसी पर पड़ा, तो ग़रीबों पर पड़ा है, रोज़ कमाकर खाने वालों की रोज़ी-रोटी बंद हो गई। नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने पहली और दूसरी लहर में, मई से नवंबर यानी दीपावली तक, हर व्यक्ति को पांच किलो मुफ़्त अनाज देने का काम किया। उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि देश के 80 करोड़ लोगों को दस महीने तक पांच किलो मुफ़्त अनाज देने का काम नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने किया है।

शाह ने कहा कि महामारी को रोकने के लिए जितना संभव था, वो सरकार ने किया, लेकिन महामारी से लड़ने के लिए सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। किसी घर में कोई बहन, मां या बच्चा भूखा ना सोए, इसकी व्यवस्था भी प्रधानमंत्री जी ने की। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की अगली लहर आती है, तो इसकी तैयारी के रूप में हज़ारों करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने की है जिससे हर राज्य, शहर, ज़िला और तहसील इसके ख़िलाफ़ लड़ाई के लिए तैयार हों। कोरोना की दूसरी लहर का ज़िक़्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछली लहर में ऑक्सीजन के संकट का सामना करना पड़ा और देशभर में हज़ारों प्लांट लगने शुरू हो गए। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत जल्द ही ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

 

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