Journalist security law, jar rajasthan

– जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा को दिया प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन। जिला कलेक्टरों के साथ सांसद, विधायकों को भी दिया जाएगा ज्ञापन।

जयपुर। पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करवाने के लिये जर्नलिस्टस एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) अब माननीयों के घर पर दस्तक देगी। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को भयमुक्त करने, निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए राजस्थान में जर्नलिस्टस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने के लिए अब जार सांसद व विधायकों को ज्ञापन देगी। अभी जार ने यह कानून लागू करवाने के लिए जिला कलेक्टरों के माध्यम से पूरे प्रदेश में अभियान चल रहा है। आज जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा को जार के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से दो ज्ञापन दिए, जिसमें प्रधानमंत्री से संसद तो मुख्यमंत्री से राजस्थान विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा कानून को पारित करवाने की मांग की गई है। सांसद से इस कानून को लागू करवाने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से सार्थक पहल शुरू करवाने की बात कही। महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो चुका है। राज्य में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों पर बढ़ते हमले को देखते हुए यहां भी शीघ्रातिशीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना चाहिए। जार के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा, महासचिव संजय सैनी, एनयूजेआई के राष्ट्रीय सचिव पंकज सोनी, वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा, मनीष गोधा आदि ने यह ज्ञापन दिया। साथ ही जार की ओर से इस मांग को लेकर जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन आॅफ राजस्थान (जार) की ओर से प्रदेशभर में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने के अभियान के बारे में अवगत कराया गया। सासंद रामचरण बोहरा ने इस कानून को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक बात पहुँचाने की बात कही।
यह भी कहाँ कि पिछले दिनों जयपुर के युवा पत्रकार अभिषेक सोनी की जानलेवा हमले में मौत हो गई। तब उनके घर जाकर सांत्वना दी थी और सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को भयमुक्त करने के लिए राजस्थान में पत्रकारों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए वे पुरजोर प्रयास करेंगे।
ज्ञापन में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों पर जानलेवा हमले, जान से मारने की धमकियों को गैर जमानती अपराध बनाने, उक्त अपराधों में सात साल से आजीवन कारावास तक के कठोर कारावास से दंडित करने और दो लाख से पांच लाख रुपये के जुर्माने के प्रावधान, जानलेवा हमले में पत्रकार की मृत्यु होने पर दोषियों पर मृत्युदंड की सजा और दस लाख रुपये के जुर्माने तक के प्रावधान, आश्रित पत्नी, बेटे-बेटी को सरकारी नौकरी दिए जाने के प्रावधान की मांग की है। साथ ही मीडिया कवरेज के दौरान कवरेज से रोकने, अपशब्द कहने, जान से मारने की धमकी देने, हमले करने के कृत्य को राजकार्य में बाधा डालने जैसे गैर जमानती प्रावधान रखे जाने की मांग की गई है। साथ ही, हमले में किसी पत्रकार, फोटोजर्नलिस्ट्स, कैमरामैन व अन्य मीडियाकर्मी पर चोट पहुंचने पर इलाज की समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार वहन करे और उक्त खर्चे की वसूली दोषियों से करने की मांग की गई।

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