जयपुर। राज्य मंत्रिमण्डल का विस्तार आज शनिवार को दोपहर दो बजे राजभवन में होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से इस्तीफे ले लिए हैं। ऐसे में यह भी संभावना है विस्तार में जहां कुछ विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है तो वहीं कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी या विभागों में फेरबदल भी हो सकता है। तीन साल के कामकाज की समीक्षा के आधार पर कमजोर साबित हुए मंत्री हटना तय है। इसमें एक राज्यमंत्री और एक केबिनेट मंत्री भी बताया जाता है, जिन्हें हटाने की संभावना है। वहीं दो साल बाद चुनाव को देखते हुए संगठन, संभाग और जातिगत हिसाब को भी देखते हुए चार-पांच नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। कुछ संसदीय सचिव बनाकर भी उपकृत किए जा सकते हैं। वहीं ठीक से कार्य नहीं कर पाने और पार्टी व जनता की उम्मीदों पर खरे उतर नहीं पा रहे कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है। महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रखे ऐसे मंत्रियों को हटाने के बजाय कमतर विभाग दिया जा सकता सियासी क्षेत्रों में चर्चा है कि मंत्रिमण्डल विस्तार में जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी, यूडीएच मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, वन राज्यमंत्री राजकुमार रणवां, उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ, सामाजिक अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, महिला बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के विभाग बदले जा सकते हैं। इनमें से कुछ हट भी सकते हैं। वहीं पुष्पेन्द्र सिंह राणावत, गजेन्द्र सिंह खींवसर, राजेन्द्र राठौड़, युनूस खान को अधिक जिम्मेदारी देते हुए मजबूत विभाग मिल सकते हैं। वहीं विधानसभा चुनाव को देखते हुए जसवंत यादव, बंशीधर, श्रीचंद कृपलानी, रामलाल शर्मा, कैलाश वर्मा आदि को मंत्री बनाया जा सकता है। है। हालांकि करीब एक साल से ही मंत्रिमण्डल विस्तार की चर्चा हो रही है। तभी से यह कयास भी चल रहे हैं कि जो खरे उतर नहीं रहे हैं, उन्हें हटाया जाए। संगठन के मंत्रियों को तवज्जो मिले। हालांकि घोषणा के बाद ही पता लग पाएगा कि पार्टी और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों के मुताबिक विस्तार सही हुआ है या नहीं। उधर, विस्तार से पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सुबह आपात बैठ• बुलाई। इसमें सभी मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

-परनामी-कामिनी जिंदल बन सकते हैं मंत्री

राज्य मंत्रिमण्डल विस्तार में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी केबिनेट मंत्री बन सकते हैं। मंत्री पद के लिए वे कई बार अपनी मंशा भी जाहिर कर चुके हैं। सियासी क्षेत्रों में परनामी को मंत्री पद मिलने की चर्चा है। लेकिन यह तभी संभव है, जब मुख्यमंत्री की रजामंदी हो और प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनके समर्थक को ही अध्यक्ष बनाया जाए। अगर यह संभव हुआ तो परनामी को मंत्री पद मिल सकता है। अगर प्रदेश अध्यक्ष पद मनपसंद नेता को नहीं मिल पाया तो परनामी का मंत्री बनना भी मुश्किल हो सकता है। परनामी को मंत्री पद मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कालीचरण सराफ, अरुण चतुर्वेदी का नाम चर्चा में है। उधर, जमींदारा पार्टी की कामिनी जिंदल के भी मंत्री पद मिलने की चर्चा है। राज्यसभा चुनाव में जमींदारा पार्टी की दोनों विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया था। तभी से भाजपा से नजदीकी बढ़ी है।

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