-दिनेश चन्द्र शर्मा
जयपुर। आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी अवसाद का शिकार हो जाता जा रहा है। अवसाद कई बार थोड़े समय के लिए ही रहता है, कभी यही अवसाद भयानक रूप ले लेता है। जब कोई व्यक्ति अवसाद संबंधी विकार से पीडि़त होता है, तो यह विकार उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन और उसके सामान्य कामकाज में बाधा डालता है तथा उस व्यक्ति और उसके परिवारजनों के दुखों का कारण बन जाता है। अधिकतर मामलों में अवसाद से गंभीर रूप से पीडि़त मरीज भी इलाज से बेहतर हो सकते हैं । इस रोग के लिए हुई गहन शोधों से इस रोग से ग्रसित लोगों के इलाज के लिए अनेक औषधियां, साइकोथेरेपी और इलाज के अन्य तरीके ईजाद हुए हैं। अवसाद की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हम जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं। जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है तो व्यक्ति को अपना जीवन निरूद्देश्य लगने लगता है। जब मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिल पाता और उस पर हमेशा एक दबाव बना रहता है तो समझिए कि तनाव ने आपको अपनी चपेट में ले लिया है। तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है। अवसाद एक गंभीर स्थिति है। हालांकि यह कोई रोग नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका शरीर और जीवन असंतुलित हो गया है।

-अवसाद के कारण और लक्षण

अवसाद रोग का कोई एक ज्ञात कारण नहीं है। फिर भी अवसाद के कारणों में आनुवंशिकता, बायोकेमिकल, वातावरण और मनोवैज्ञानिक संबंधी मिश्रित घटकों का समावेश होता है। अनेक शोधों के अनुसार अवसाद से संबंधित बीमारियां मस्तिष्क के विकार हैं।पुरूषों की तुलना में महिलाएं डिप्रेशन से अधिक प्रभावित होती हैं। किसी भी काम में मन न लगना। ज़िन्दगी के लिए एक उलझा हुआ नज़रिया होना। बिना कारण वजऩ का बढऩा या कम होना। खान पान की आदतों में बदलाव करना। आत्महत्या के उपाय करना और आत्महत्या के बारे में सोचना। मन की एकाग्रता खोना, मन का एकाग्र न हो पाना आदि अवसाद के लक्षण होता है।

-तनाव से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

तनाव यानि स्ट्रेस से कई बीमारियाँ होती हैं। तनाव से मधुमेह रोगियों की स्थिति बिगड़ती है क्योंकि तनाव शुगर लेवल को बढाता है; तनाव से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, स्ट्रेस एटेक आता है; सर दर्द होता है एवं अन्य कई गंभीर बीमारियाँ होती हैं। तनावग्रस्त व्यक्ति का मन भी किसी काम को करने में पूरी तरह नहीं लगता एवं वह अपनी क्षमता के अनुसार किसी कार्य को पूरा नहीं कर पाता। अत: तनाव से बचना चाहिए। यहाँ हम तनाव से बचने के कुछ उपाय बता रहे हैं।
कुछ लोगों को जितना भी काम मिलता जाता है, लालच में लेते जाते हैं। ज्यादा मेहनत करना अच्छी बात है लेकिन अपने हाथ में काम उतना हीं लें जितना आप बिना किसी तनाव में आये समय पर पूरा कर सकें। अपनी क्षमता से ज्यादा ऑडर या काम लेने से आप काम करते वक्त तनाव में रहेंगे जिससे आपके साथ साथ आपके घरवाले भी तनाव में रहेंगे जिसका बुरा प्रभाव सब पर पड़ेगा और आपके काम कि क्वालिटी भी खऱाब होगी जिसके चलते आपको अलग से तनाव झेलना होगा।

-सिर्फ काम न करें अपना मन भी बहलायें

आज के ज़माने में घर की जरूरतें पूरी करने के लिए कई लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम करने की जरुरत होती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप हर वक्त सिर्फ काम हीं करते रहें। सिर्फ काम करते रहने से आपकी स्फूर्ति कम होती जाएगी और आप पर तनाव हावी होता जायेगा। इसलिए आप चाहे जितना भी काम करें, कुछ समय के लिए मन बहलाने वाली चीजों में भी मन लगायें। इससे आप तनाव से बचे रहेंगे साथ हीं साथ आपकी कार्य क्षमता भी बढ़ेगी। म्यूजिक सुनें, फिल्म देखें, कोई खेल खेलें, दोस्तों या परिवार के साथ या अपने किसी खास दोस्त के साथ गप्पे लड़ाएं या कही घूमने जायें या किसी अन्य गतिविधि में लिप्त हों जिसमें आपका मन लगता हो। नियमित रूप योग, व्यायाम या मेडीटेशन करते रहने से आप तनाव से बचे रहेंगे। स्ट्रेस से बचना है तो आपको पर्याप्त नींद लेनी होगी। अपर्याप्त नींद तनाव के साथ साथ ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर बढाती है एवं कई रोगों को भी जन्म देती है। पानी पीने से तनाव बहुत कम होता है अत: जब भी आप तनाव में हों, पानी पीयें। भरपूर पानी पीते रहने से तनाव आपसे दूर हीं रहता है।

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