जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक रही और इसके कारण लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याएं देखने को मिल रही हैं। राज्य सरकार इसे लेकर सतर्क है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे मरीजों तथा उनके परिजनों को उचित उपचार और मनोचिकित्सकीय परामर्श देने की समुचित व्यवस्था करे। साथ ही, उन्हें पोस्ट कोविड दुष्प्रभावों के समय पर उपचार, संतुलित आहार एवं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी काउंसलिंग दी जाए।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में कई हृदय विदारक दृश्य देखने को मिले। अनेक परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है। लम्बे समय तक उपचार के बाद लोगों में आ रहे पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव हमारे लिए चिंता का विषय है। हमारा प्रयास है कि ऐसे रोगियांे और परिजनों को समुचित उपचार एवं परामर्श मिले, ताकि वे जल्द से जल्द इन स्वास्थ्य समस्याओं से उबर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जून से केन्द्र सरकार की ओर से 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के लिए मुफ्त कोविड टीकाकरण शुरू होगा। प्रशासनिक अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम इसके लिए प्रभावी योजना तैयार कर इसे अभियान का रूप दें, ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चिित हो सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन में राजस्थान ने अब तक उत्कृष्ट प्रबंधन किया है। इसी गति को आगे बढ़ाते हुए हमें जल्द से जल्द सभी आयु वर्ग के टीकाकरण का काम पूरा करना है। उन्होंने कहा कि राज्य में चलाए गए व्यापक जागरूकता अभियान के परिणामस्वरूप राजस्थान में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में भ्रांति नहीं है।
गहलोत ने लोगों को कोरोना अनुशासन की पालना में कोताही नहीं बरतने की अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए निरन्तर मास्क पहनने, उचित दूरी रखने सहित सभी हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना करना अतिआवश्यक है। जनता का अनुशासन ही आने वाले दिनों में लाॅकडाउन के प्रतिबंधों में छूट की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रोटोकाॅल की पालना में हमारी लापरवाही जीवन रक्षा और आजीविका दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों और प्रदेशवासियों के सहयोग से ही अब तक कोरोना का बेहतर प्रबंधन कर पाए हैं।
चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बेहतरीन प्रबंधन किया है और अब तीसरी लहर को ध्यान में रखकर चिकित्सा व्यवस्थाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। एसएमएस अस्पताल में जीन सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा रही है। इससे वायरस के म्यूटेंट का जल्द पता चल सकेगा और ट्रीटमेन्ट प्रोटोकाॅल तैयार करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोगों में अनिद्रा, अवसाद, अज्ञात चिंता सहित कई तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही हंै। मनोचिकित्सा केन्द्र जयपुर में इस संबंध में परामर्श के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। सभी जिला चिकित्सालयों में भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श की व्यवस्था की गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान में कोरोना का बेहतरीन ढंग से मुकाबला किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और कोविड प्रबंधन को देशभर में सराहा गया है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी आवश्यक तैयारियां करने में जुटा हुआ है।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों  के लिए घोषित किया गया पैकेज सरकार का संवेदनशील कदम है। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे परिवारों को शीघ्र चिन्हित करें, जिनमें कोविड के कारण बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को ही कुछ जिला कलेक्टरों ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनके दिवंगत परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा राज्य सरकार के सहायता पैकेज के संबंध में जानकारी दी है।

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