जयपुर। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद प्रदेश के हालात अब शांत हो गए हो और भले ही सरकार ने राहत की सांस ली हो। लेकिन फिर भी आनंदपाल एनकांटर के बाद नागौर, चूरू, सीकर सहित शेखावटी क्षेत्र में जो परिस्थितियां सामने आई, उससे पार पाने में प्रशासन पूरी तरह नाकाम ही रहा।

यही वजह रही कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आरएएस अफसरों के चयन के लिए शुरू किए साक्षात्कार (इंटरव्यू) में इस तरह के हालातों से निपटने को लेकर प्रश्नों को प्राथमिकता दी गई। आयोग ने भविष्य में आनंदपाल एनकाउंटर सरीखे सामने आने वाले प्रकरणों में अभ्यार्थियों की योग्यता के पैमाने को जांचने के लिए इसे इंटरव्यू में शामिल करना बेहतर समझा। आरपीएससी के बोर्ड में बैठे सदस्यों व विशेषज्ञों ने प्रथम चरण के इंटरव्यू के दौरान राज्य सरकार को झकझौर देने वाले बहुचर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर को लेकर अभ्यार्थियों से सवाल पूछे। बता दें आरएएस प्रतियोगी परीक्षा-2016 को लेकर मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद अब इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अभ्यार्थियों के बौद्धिक कौशल को परखा जा रहा है। इसके लिए आयोग ने तीन बोर्ड बनाए हैं।

-अभ्यार्थियों से यह पूछे सवाल
प्रथम चरण के तहत आयोग नागौर में कानून व प्रशासन से जुड़ा ताजा मामला क्या था? इस मामले में सहजता से निपटने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा सकते हैं? हालांकि इस सवाल के जवाब में अभ्यार्थियों को आनंदपाल प्रकरण तो जहन में था। लेकिन उससे निपटने को लेकर रणनीति के बारे में जवाब अलग-अलग ही रहे। इसी तरह एक सवाल यह भी रहा कि राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों में पिछले 10 सालों में अधिक बारिशत क्यों हो रही है? इसी तरह एक अभ्यार्थी से जीएसटी को लेकर व्यक्तिगत सुझाव भी मांगे तो भारत चाइना के बीच तनाव के कारणों को जाना।

-शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंतित
भले ही प्रदेश का शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव का दावा करता हो, लेकिन स्थिति लगातार गिरावट ही दर्शा रही है। इसी को लेकर बोर्ड ने अभ्यार्थियों से पूछा कि गांवों में प्राथमिक शिक्षा का स्तर आखिर लगातार गिरावट की ओर क्यों हैं? इस मामले में अभ्यार्थियों से जानकारी ली गई। इसी तरह प्रदेश में बाढ़ के हालात, राजस्थान बीमारु क्यों, बिहार के राजनीतिक बदलाव को लेकर सवाल पूछे गए। वहीं नीति आयोग उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा के अचानक इस्तीफे के पीछे अभ्यर्थियों के सामान्य ज्ञान को परखा गया।

-शांति के दांवों पर लगाया प्रश्नचिन्ह
भले ही केन्द्र व प्रदेश की सरकारें अपने यहां कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर साबित करने में लगी हुई है। फिर भी इंटरव्यू के दौरान बोर्ड ने जो सवाल दागे उससे हालात अलग ही जान पड़ रहे हैं। बोर्ड ने अभ्यार्थियों से सांप्रदायिक हिंसा के बढऩे के कारण पूछे तो गोरक्षा व पश्चिम बंगाल में हिंसा के पीछे रहे कारणों के बारे में अभ्यार्थियों की बौद्धिक ज्ञान को परखा।

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