Mulayam Singh

नई दिल्ली। समाजवाद का दामन थामकर उत्तरप्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली समाजवादी पार्टी में अन्र्तकलह का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही दो खेमों बंट चुकी समाजवादी पार्टी में अब चुनाव चिह् साइकिल को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। एक बार फिर साइकिल पर सवार होकर यूपी में जीत का डंका बजाने के मामले में दोनों ही बाप-बेटों मे रस्साकशी पिछले कुछ दिनों से चल रही है। यही वजह है कि पार्टी के चुनाव चिह् साइकिल पर अपनी दावेदारी जताने को लेकर दोनों ही खेमे चुनाव आयोग की देहरी पर दस्तक दे रहे हैं। सोमवार को जहां मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग पहुंचे। वहीं अब अखिलेश यादव भी अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग की दहलीज तक पहुंच गए। इस आपाधापी के बीच पार्टी में अंर्तकलह थामने का जिम्मा ले आजम खान मुलायम से मिलने दिल्ली गए, लेकिन मुलायन आजम को तवज्जो दिए बिना लखनऊ के लिए निकल गए। आजम खान ने बताया कि सुलह के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन यह कहना जल्दबाजी भरा होगा कि सुलह के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। इस मामले में कुछ सफलता तो मिली है प्रयास जारी है। इधर साइकिल पर अपनी दावेदारी को लेकर अखिलेश खेमे से जुड़े रामगोपाल यादव, नरेश अग्र्रवाल व किरनमय नंदा भी चुनाव आयोग पहुुंचे। रामगोपाल यादव ने कहा कि मुलायम हमारे आदर्श और संरक्षक है। उनमें हमारी पूरी आस्था है। पार्टी के 90 फीसदी लोग अखिलेश के साथ है। समाजवादी पार्टी हमारी है, अखिलेश हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और साइकिल का चिह् भी हमारा ही है। वहीं नरेश अग्र्रवाल ने कहा कि अधिवेशन में जिस भी प्रस्ताव को स्वीकृति मिलेगी, उसे चुनाव आयोग के समक्ष रखा जाएगा। सभी कार्यकर्ताओं का अखिलेश को समर्थन है, उनके साथ है।
बयान, साइन और विवाद
समाजवादी पार्टी में चल रही उथल पुथल के बीच मुलायन सिंह के द्वारा पार्टी से निकाले गए सबसे भरोसेमंद किरनमय नंदा के आरोप से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। नंदा ने आरोप लगाया कि 1 जनवरी को दो पत्र जारी किए गए उन पत्रों में मुलायम सिंह यादव के दस्तखत अलग-अलग ही थे। ज्ञातव्य है कि 1 जनवरी को अखिलेश गुट ने लखनऊ में अधिवेश का आयोजन कर अखिलेश यादव को सपा अध्यक्ष घोषित करने का ऐलान किया था। इस पर मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक बता किरनमय नंदा व नरेश अग्रवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब किरनमय नंदा के इस बयान के बाद सपा में एक नया मोड़ आ गया है।
मंत्रणा कर पहुंचे आयोग
इससे पहले मुलायम सिंह ने सोमवार को अपने दिल्ली स्थित आवास पर अखिलेश विरोधी गुट के नेताओं से करीब 2 घंटे लंबी मंत्रणा की। जिसमें मुलायम सहित शिवपाल यादव, अमर सिंह, अंबिका चौधरी, जयाप्रदा शमिल हुए। यहां बातचीत के बाद मुलायम के नेतृत्व में सभी नेता अपनी शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुुंचे। जहां आयोग के समक्ष हाल ही पार्टी में हुई राजनीतिक उथल पुथल से अवगत कराया। साथ ही कहा कि दूसरे खेमे के रामगोपाल यादव ने जो अधिवेशन बुलाया, वह पार्टी के संविधान के खिलाफ है। क्योंकि रामगोपाल और अखिलेश को पहले ही पार्टी से बाहर किया जा चुका है। मुलायम ने आयोग के समक्ष पार्टी के चुनाव चिह् साइकिल पर अपनी दावेदारी जताई। दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी मेरी है और चुनाव चिह् भी। मैंने इसे सींचा है। मैंने कोई गलत कार्य या भ्रष्टाचार नहीं किया है। आरोप लगे तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मुझे पाक साफ करार दिया और आरोपों से बरी किया। मैं पूरी तरह से स्वस्थ व फिट हूं।

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