जयपुर। जयपुर की बसावट के साक्षी पुरोहितजी कटले में स्थित कल्याण महाराज मंदिर परिसर के डिग्गी कटले में हो रहे नए निर्माण के पीछे सरकार और प्रशासन के कुछ तथाकथित प्रभावशाली व्यक्तियों की भूमिका सामने आ रही है। इन्हीं के इशारे पर ना केवल कोर्ट के डीम्ड आदेश के विपरीत डिग्गी कटले में निर्माण हो रहा है, वहीं नगर निगम प्रशासन को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोका जा रहा है। स्थिति यह है कि उप-महापौर मनोज भारद्वाज के क्षेत्र में हो रहे इस निर्माण को लेकर स्थानीय भाजपा और संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, शहर अध्यक्ष संजय जैन, विधायक मोहन लाल गुप्ता, सांसद रामचरण बोहरा, महापौर अशोक लाहोटी, उप महापौर मनोज भारद्वाज, निगम आयुक्त हेमंत गेरा, हवामहल जोन उपायुक्त पश्चिम दिनेश पारीक आदि को लिखित शिकायतें, निर्माण की फोटो व वीडियो तक उपलब्ध करा दी है। साथ ही मिलीभगत के साथ हो रहे इस खेल और कोर्ट के आदेश के विपरीत हो रहे निर्माण संंबंधी दस्तावेज भी उपलब्ध कराए हैं। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में रोष है। संघनिष्ठ एक कार्यकर्ता का कहना है कि जिन पर कार्रवाई का अधिकार है, वे ही कह रहे हैं कि हमें ऊपर से आदेश है। हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। एक अफसर ने साफ कह दिया बड़े साहब का आदेश है, कुछ नहीं करेंगे। चाहे जितनी शिकायत कर लो। अगर काम रुकवाना है तो आप भी कोर्ट में चले जाओ। यह सब बातें रिकार्डेड भी है। एक भाजपा नेता ने भी ऐसी ही कुछ पीडा कार्यकर्ताओं को बयां की है। इसमें एक पूर्व ठिकानेदार और एक आयोग के सदस्य की सीधी भूमिका बताते हुए कार्रवाई नहीं कर पाने की कही जा रही है। मामले में बड़ा लेन-देन की बातें भी सामने आ रही है। अपने ही नेताओं और बोर्ड से सहयोग नहीं मिलता देख अब इस पूरे मामले को ही हाईकोर्ट में ही चुनौती देने और डिग्गी कटले को व्यावसायिक गतिविधियों से मुक्त कराने का फैसला किया है।
– एक से डेढ़ करोड़ के भाव हैं दुकानों के
पुरोहित जी कटला और डिग्गी कटला जयपुर के बड़े व्यापारिक केन्द्र है। हर तरह के कपड़े के व्यापार की दुकानें और शोरुम है। दोनों कटलों में आने-जाने का मार्ग मात्र दस से पन्द्रह फीट की जगह है। संकरी गलियों और आवासीय क्षेत्र होने के बाद भी यहां दो-ढाई दशक से तेजी से व्यावसायिक गतिविधियां शुरु हुई। मकानों को तोड़कर दुकानें और कॉम्पलैक्स खड़े कर दिए। मकानों में ही होलसेल की गद्दियां बन गई। कई बार आग लग चुकी है, लेकिन दमकल अंदर नहीं घुस सकती। एक बार तो पुरोहितजी के कटले में बम भी रखा था आतंकियों ने, लेकिन समय रहते पता चलने से बड़ा हादसा टल गया था। यहां दस गुणा दस की दुकान की कीमत एक से डेढ़ करोड़ रुपए बताई जाती है। यहीं कारण है कि यहां तेजी से व्यावसायिकरण हो रहा है और धडाधड आवासीय क्षेत्र व्यावसायिक हो रहे हैं। डिग्गी कटला में रहने वाले बसंत फागीवाला, एडवोकेट अजय पारीक आदि का आरोप है कि डिग्गी कटले में दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है। पहले भी जो दुकानें बनी है वो अवैध है। अब भी निगम की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहे है। डिग्गी कटले में भी एक से डेढ़ करोड़ रुपए की दुकानें है। जो नया निर्माण हो रहा है, वो भी इसी उद्देश्य के लिए हो रहा है कि इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सके।
नोट- देखें डिग्गी कटले में निर्माण का वीडियो https://youtu.be/f50XXlhDcq4

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