dravyavatee nadee projekt mein lag raha hai malaba va gandee mittee

संजय सैनी
जयपुर। अमानीशाह नाले को द्रव्यवती नदी में बदलने वाले टाटा प्रोजेक्ट के ठेकेदार हाउसिंग बोर्ड और पिंजरापोल गोशाला की मिट्टी और मलबा चोरी कर नदी के निर्माण कार्य में डाल रहे है। जेडीए के ठेकेदारों की इस कारस्तानी से प्रोजेक्ट की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे है। ठेकेदारों को टाटा प्रोजेक्ट ने चैक डैम, सड़क बनाने के लिए मिट्टी डालने का काम दे रखा है। इस कार्य के लिए अनुबंधित फर्म के ठेकेदार बाबूलाल चौधरी, श्यामलाल समेत अन्य ठेकेदारों को द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में साफ मिट्टी डालनी है, लेकिन ठेकेदार के आदमी साफ मिट्टी खरीदने के बजाय चोरी-छिपे दूसरे खेतों व पिंजरापोल गौशाला की जमीन से मिट्टी खोद रहे हैं। यहीं नहीं प्रोजेक्ट में मलबा डाला जा रहा है। ठेकेदार हाउसिंग बोर्ड का मलबा भी इस प्रोजेक्ट में डाल रहे है।
ना मिट्टी की टेस्टिंग, ना ही कोई मॉनिटरिंग…

जेडीए ने टाटा प्रोजेक्ट में चल रहे कामों की मॉनिटरिंग के लिए अपने इंजीनियर लगा रखे है लेकिन इंजीनियर मौके पर रहते ही नहीं है, जिससे मिटटी डालने वाले ठेकेदारों की मौज रहती है। इस समय सांगानेर, पिंजरापोल गोशाला के पीछे गूलर डेम का काम चल रहा है। ठेकेदार यहीं बांध के पास की टनों पुरानी ओर गंदी मिट्टी, मलबा डाल रहे है जिससे यहां निर्माण कार्य की क्वालिटी पर भी सवाल उठने लगे है। नियमानुसार मिट्टी की टेस्टिंग करवाने के प्रावधान है। खराब मिट्टी के उपयोग कती मनाही है, लेकिन यहां पर खराब मिट्टी और मलबा डाला जा रहा है। जिससे डैम को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। डालने से यहां बन रहा चैक डैम एक ही बरसात में ढह सकता है। जेडीए इस प्रोजेक्ट पर 1500 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर चुकी है।

रिंग रोड में भी लग चुके है मिट्टी चोरी के आरोप
इन ठेकेदारों पर पहले भी रिंग रोड में भी मिटटी चोरी के आरोप लग चुके है। इनमें बाबूलाल चौधरी के खिलाफ जेडीए एफआईआर भी करा चुका है। इस बार भी जेडीए को इस ठेकेदार की काफी शिकायत मिल रही है।

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