• राकेश कुमार शर्मा 

जयपुर। हाल ही जयपुर आए राजस्थान प्रभारी वी.सतीश से प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, केबिनेट मंत्री गुलाब चंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़ व दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा की गई जा रही अनुशासनहीनता के बारे में बताते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इन्होंने खासकर पार्टी के ही वरिष्ठ नेता विधायक घनश्याम तिवाड़ी की ओर से पार्टी के समानांतार दीनदयाल वाहिनी के माध्यम से प्रदेश में संगठन खड़ा करने और पार्टी नेताओं व सरकार के खिलाफ गलत बयानबाजी करके सत्ता-संगठन को नुकसान पहुंचाने की बात कही। वी.सतीश ने भी अनुशासनहीनता संंबंधी गतिविधियों के सबूत मांगते हुए इन्हें आलाकमान को अवगत कराने का आश्वासन दिया। इन नेताओं ने अनुशासनहीनता संबंधी आरोपों की मीडिया रिपोर्ट व वीडियो वी.सतीश को उपलब्ध कराए हैं। बताया जाता है कि पार्टी घनश्याम तिवाड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही थी, लेकिन प्रभारी वी.सतीश ने पहले आलाकमान को अवगत कराने के बाद ही कोई कदम उठाने की बात कही। उधर, यह भी चर्चा है कि पार्टी घनश्याम तिवाड़ी के खिलाफ कार्रवाई तो कर दे, लेकिन घनश्याम तिवाड़ी के ब्राह्मण समाज व दूसरे समाजों में अच्छी पकड़ के चलते गलत मैसेज जा सकता है। साथ ही जिस तरह दीनदयाल वाहिनी के माध्यम से तिवाड़ी नेे पूरे सूबे में कार्यकारिणी गठित कर ली है और कार्यक्रम चला रहे हैं, उससे भी डरे हुए हैं कि कहीं विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी उतार दे। इससे पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां सवर्ण मतदाता ज्यादा है। अगर दस-बीस फीसदी वोट भी खिसक गए तो पार्टी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसी कोई कार्रवाई करने से पार्टी को उसी तरह से नकारात्मक माहौल और नुकसान झेलना पड़ सकता है, जिस तरह से किरोडीलाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह जैसे कददावर नेता भाजपा छोड़कर चले गए थे और पार्टी को कई जिलों में भारी नुकसान झेलने के साथ सत्ता से भी मामूली सीटों के अंतर से हारना पड़ा था। ऐसे में कोई भी कार्रवाई करने से आलाकमान बच रहा है। वैसे भी संघ और आलाकमान के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से घनश्याम तिवाड़ी लगातार सम्पर्क में है। उनका कहना भी है वे पार्टी के खिलाफ नहीं है, लेकिन पार्टी में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ है, जो प्रदेश को लूट-खसोट रहे हैं।

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