– राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। राजनीति के माहिर खिलाड़ी मुलायम सिंह यादव आजकल पारिवारिक चक्रव्यूह में घिरे हुए हैं। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह घर के झगड़े से इतने परेशान हैं कि उन्हें यूपी विधानसभा के चुनावी शंखनाद के लिए आजमगढ़ रैली की तारीख बार-बार बदलनी पड़ रही है। बताया गया है कि उन्होंने 2012 के चुनावी अभियान की शुरुआत भी आजमगढ़ से ही की थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा ने 80 में से 71 सीटें हासिल की थीं। इस माहौल में भी समाजवादी पार्टी ने पांच सीटें हासिल कीं, जिनमें प्रमुख थी मुलायम सिंह यादव की आजमगढ़ सीट। लगभग 22 फीसदी वोट लेकर यह पार्टी नंबर दो पर थी। आजमगढ़ मुस्लिम और यादव बहुल क्षेत्र है और यही समाजवादी पार्टी का पारंपरिक वोटर भी है। पूर्वांचल में बाकी सीटें भाजपा के पास हैं। इसलिए मुलायम सिंह यादव ने चुनावी अभियान का आगाज यहीं से करने की योजना बनाई।बताया गया है कि सबसे पहले यहां 13 सितंबर को रैली होनी थी। उसे टाल दिया गया। फिर पार्टी ने छह अक्टूबर की घोषणा की। कुछ दिन बाद तारीख बदलकर सात अक्टूबर कर दी गई। यह सब तारीख निकल चुकी हैं। अब यहां पर 20 अक्टूबर से नवंबर की शुरुआत तक रैली करवाने की योजना बन रही है। बताया गया है कि पार्टी में चल रही उठापटक की वजह से तारीख घोषित नहीं हो पा रही है।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव इस समय अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच चल रही जंग से जितने असहज हैं, शायद कभी नहीं थे। इसीलिए वह सितंबर से अब तक रैली नहीं कर पाए, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी वहां का दौरा कर आए हैं। इसी बीच मायावती भी वहां रैली कर चुकी हैं।सेंटर फॉद स्टडी ऑफ सोसायटी एंड पॉलिटिक्स, कानपुर के निदेशक प्रो. एके वर्मा कहते हैं कि अब मुलायम सिंह यादव का समय खत्म हो रहा है। यही वजह है कि अब आगे की लाइन वर्चस्व की जंग में डूबी हुई है। सीएम अखिलेश यादव के समर्थकों को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शिवपाल यादव हटा रहे हैं। उनके टिकट काट रहे हैं। यूथ विंग लगभग अखिलेश के साथ है, जिसके बिना रैली को सफल करवा पाना आसान नहीं है। मुलायम सिंह यादव को रैली फेल होने और इसमें असंतुष्ट नेताओं के विद्रोह की आशंका दिख रही है। इसलिए यह रैली बार-बार टाली जा रही है । समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दीपक मिश्र कहते हैं कि आजमगढ़ रैली की तारीख नेताजी ही तय करेंगे। नवंबर की शुरुआत से हम व्यापक पैमाने पर रैलियां शुरू करेंगे। सांगठनिक गतिविधियां चल रही हैं। आजमगढ़ तो हमारा पहले से ही मजबूत है, इसलिए और जगहों पर भी फोकस किया जा रहा है।

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