सोल। स्मार्टफोन के लगातार इस्तेमाल से किशोरों के अवसाद, बेचैनी और अनिद्रा जैसी बीमारियों की चपेट में आने की
आशंका बढ़ जाती है।दक्षिण कोरिया के कोरिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट का बहुत अधिक इस्तेमाल करने वाले युवाओं के दिमाग का रासायनिक समीकरण असंतुलित हो जाता है।
उन्होंने स्मार्टफोन और इंटरनेट की लत वाले किशोरों के मस्तिष्क में झांकने के लिए मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (एमआरएस) का इस्तेमाल किया। एमआरएस एक तरह का एमआरआई होता है, जो दिमाग के रासायनिक घटकों को मापता है।
रेडियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ नार्थ अमेरिका (आरएसएनए) के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत किये गए अध्ययन में इंटरनेट और स्मार्टफोनकी लत से ग्रस्त 19 युवाओं के दिमाग की तुलना स्वस्थ लोगों से की गयी। इन 19 में से 12 युवाओं को अध्ययन के तहत नौ सप्ताह की संवेदनात्मक चिकित्सा भी दी गयी। अध्ययन में शामिल किये गए युवाओं काचयन एक प्रश्नावली के आधार पर किया गया था। इसमें उनके इंटरनेट और स्मार्टफोन के दैनिक इस्तेमाल, सामाजिक जीवन, उत्पादकता,सोने की आदत और भावनाओं से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया गया था।कोरिया विश्वविद्यालय के ह्यूंग सुक सियो ने बताया, ‘‘जितना अधिक स्कोर उतनी गंभीर लत।’’