लखनऊ। यूपी में सत्ता संभालने के बाद से ही सीएम आदित्यनाथ प्रदेश की कायापलट को लेकर कड़े फैसले लेने में लगे हुए है। इसी क्रम में सीएम आदित्यनाथ सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे। यहां गोमती नदी के विकास को लेकर पूर्व समाजवादी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान नदी की दुर्दशा को देख सीएम अधिकारियों पर खासे नाराज दिखे। मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा क्या सारा पैसा इन पत्थरों में ही लगा दिया। नदी की गहराई को लेकर 6 किमी. तक तीन मीटर गहरा किया गया, वो काम दिखाई क्यों नहीं दे रहा। नदी से मिट्टी निकालने का काम कागजों पर दिखाई दे रहा है। वो मिट्टी आखिर फैंकी कहां बताओ? गोमती में नाले को गिरने से रोकने लिए क्या कदम उठाए? नदी का पानी इतना गंदा क्यों है? इस दौरान सीएम के सवालों के आगे प्रशासन से जुड़े आला अधिकारी निरुत्तर ही रहे। इस पर उन्होंने सख्त संदेश किया कि लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गोमती रिवर फ्रंट के निरीक्षण के दौरान सीएम आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा सहित आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री मौजूद थे। इस मौके पर सीएम ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को तलब कर कार्य प्रगति की पूरी रिपोर्ट ली। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट को भाजपा सरकार पूरा करेगी। सीएम ने इस प्रोजेक्ट में बदलाव के साथ ही अन्य विकास कार्यों पर मुहर लगा दी। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना बनाई थी। लंदन स्थित टेम्स नदी की तरह गोमती नदी के उद्धार को लेकर 3 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर आधी रकम खर्च हो चुकी है। वैसे यह प्रोजेक्ट पीएम मोदी की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है. यूं तो गोमती नदी के विकास को लेकर प्रशासन ने कार्य किए, लेकिन सौदर्यकरण कार्य को पूरा करने की कई तारीख दी। लेकिन यह कार्य आज तक अधूरा ही है। इस कार्य में अब तक करीब 1513 करोड़ खर्च भी हुए लेकिन गोमती तट निखर नहीं पाया। ऐसे में यह कार्य अब जांच के घेरे में आ गया है। फ्रांस से जो 40 करोड़ का जो फाउंटेन मंगवाया वो अब तक पर्दे से बाहर ही नहीं निकला। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही आनन-फानन में तत्कालिन सीएम अखिलेश यादव ने परियोजना का उद्घाटन भी कर दिया। नदी में गिरने वाले नालों को आज तक बंद नहीं कराया गया।

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