Chief Minister ashok gahlot, sensitivity, plastic surgery, treatment

जयपुर। सवाई माधोपुर के 10 वर्षीय लोकेश के लिए नववर्ष की पूर्व संध्या एक नई उम्मीद लेकर आई। 31 दिसम्बर की रात्रि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रामनिवास बाग स्थित अस्थाई रैन बसेरे में कम्बल बांट रहे थे तब उन्हें यह पता चला कि लोकेश का एक कान जन्म से ही प्राकृतिक रूप से नहीं है। संवेदनशील मुख्यमंत्री ने बच्चे से बात कर उसकी हौसला अफजाई की और वहां मौजूद जयपुर कलक्टर डॉ. जोगाराम को उसके समुचित इलाज के निर्देश दिए।

गहलोत के निर्देश के बाद बुधवार सुबह लोकेश को सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाकर उसकी एमआरआई कराई गई और ऑडियोमेट्रिक जांच कराकर प्लास्टिक सर्जरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी से लोकेश का कान ठीक किया जाएगा और इलाज से उसकी सुनने की क्षमता भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री का रैन बसेरे में जाकर कम्बल बांटना भरतपुर के 56 वर्षीय श्री बृजलाल के लिए भी वरदान की तरह था।

बृजलाल का पैर किसी दुर्घटना में टूट गया था, लेकिन किसी वजह से वह इसका इलाज नहीं करा पाये। रैन बसेरे में उन्हें देखकर श्री गहलोत ने उनका दर्द पहचाना और उनके इलाज के निर्देश जयपुर कलक्टर को दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश की अनुपालना में बृजलाल के पैर का एक्स-रे एवं अन्य जांचे करवाकर बुधवार को ही सवाई मानसिंह अस्पताल में उनका इलाज शुरू कर दिया गया।

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