जयपुर, 29 जुलाई। उद्योग मंत्री परसादी लाल ने राज्य विधान सभा में बताया कि उदयपुर के मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टि्रयों से प्रदूषण की शिकायत आने पर जांच करवाई जाएगी। अगर कहीं पर कोई फैक्ट्री प्रदूषण कर रही है तो उद्योग विभाग द्वारा दुबारा सभी फैक्टि्रयों की जांच करवा ली जाएगी।

उद्योग मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि वर्तमान सरकार ने मादडी औद्योगिक क्षेत्र में न तो किसी उद्योग को बंद किया है और न ही शुरू किया है। पूर्ववर्ती सरकार के समय में ही मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्टि्रयां बंद की गई थीं और सिस्टम ठीक करने, मानक सही पाए जाने व रिपोर्ट सही आने पर फैक्टि्रयां पुनः चालू कर दी गई।

उन्होंने बताया कि मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में मैसर्स नाहर मिनरल्स एंड केमिकल 12 अप्रेल, 2016 को बंद की गई और मानक सही पाए जाने पर और रिपोर्ट सही आने पर 31 जुलाई, 2018 को पुनः शुरू की गई। इसी तरह मैसर्स महालक्ष्मी केमिकल्स 17 जून, 2016 को बंद की गई और मानक सही पाए जाने पर और रिपोर्ट सही आने पर 7 अगस्त, 2018 को पुनः शुरू की गई।

इससे पहले विधायक श्री फूल सिंह मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र, उदयपुर में विभिन्न प्रकार के कुल 30 केमिकल उद्योग चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मैसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (पूर्व में मैसर्स लिबर्टी फॅास्फेट) के नाम से खाद बनाने का उद्योग एफ-227, मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र, उदयपुर में कार्यरत है। इस उद्योग द्वारा जनित उच्छिष्ट को पुनः चक्रित कर प्रसंस्करण में उपयोग में लिया जाता है। उद्योग शून्य निस्त्राव पर आधारित है। उन्होंने बताया कि उद्योग द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्क्रबर, साइक्लोन एवं उचित ऊंचाई की चिमनी की व्यथवस्था की गई है।

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