नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाने वाली करगिल शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर ने अब खुद को इस अभियान से अलग कर लिया है। अब वे अपने पैतृक घर जालंधर लौट रही है। इस बात की पुष्टि उनकी मां ने भी कर दी। गुरमेहर ने मंगलवार को इस बात की जानकारी सार्वजनिक करते हुए ट्वीट किया कि मैं खुद को इस कैंपेन से अलग कर रही हूं, आप सभी का शुक्रिया। जो मुझे कहना था वो कह चुकी हूं। इस दौरान गुरमेहर ने छात्र लेफ्ट संगठन (आईसा) की ओर से निकाले जाने वाले मार्च को लेकर सभी छात्रों को शुभकामनाएं दी और कहा मार्च में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो, यह कैंपेन सिर्फ मेरे लिए नहीं वरन सभी स्टूडेंट्स के लिए है। अपने विरोधियों को जवाब देते हुए लिखा कि जो लोग मेरी हिम्मत व साहस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताना चाहती हूं कि मैंने उससे कहीं ज्यादा हिम्मत दिखाई। अब यह पक्की बात है कि आगे से कोई भी हिंसा और धमकी देने से पहले दो मर्तबा जरूर सोचेगा। वहीं गुरमेहर के समर्थन में कॉलेज के शिक्षको ने एक साझा बयान जारी कर कहा कि शिक्षक उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरा समर्थन करते हैं। इधर मामले को ज्यादा ही तूल पकड़ते देख एबीवीपी के मीडिया संजोयक साकेत बहुगुणा ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिख कर गुरमेहर कौर को मिली धमकी के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। बहुगुणा ने कहा कि एबीवीपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उधर गुरमेहर को दुष्कर्म की धमकी देने के मामले में पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है। गौरतलब है कि रामजस कॉलेज में आयोजित सेमिनार में जेएनयू छात्र उमर खालिद के आमंत्रण को लेकर विवाद सामने आया था। जिसके बाद डीयू में विगत बुधवार को एबीवीपी और आइसा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। इस मामले में करगिल शहीद कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ अभियान छेड़ा था। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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