Chief Minister Ashok Gehlot

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जलभराव प्रभावित कोटा, बूंदी, झालावाड़, करौली तथा धौलपुर जिलों का सोमवार को एरियल सर्वेक्षण किया और इन क्षेत्रों में फसलों, जन-धन, पशुओं तथा सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान का शीघ्र आकलन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
गहलोत ने कहा कि हुए नुकसान का सर्वे करके जो भी संभव होगा हमारी सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने जिलों में प्रभारी सचिवों तथा जिला कलक्टरों से राहत कार्यों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। जल्द से जल्द हालात सामान्य हाें, यह हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अप्रत्याशित रूप से भारी वर्षा तथा गांधीसागर बांध से छोड़े गए पानी से चम्बल नदी के बहाव वाले प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी है। राज्य सरकार इस स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश की सरकार और केन्द्र सरकार के साथ सम्पर्क में है। अब बारिश में कमी आई है। उम्मीद है जल्द ही हालात सामान्य होंगे।
गहलोत ने कहा कि मैंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से रविवार को ही उत्पन्न स्थिति के बारे में चर्चा की थी। शनिवार को प्रभारी सचिवों को प्रभावित जिलों में भेज कर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए गए थे। साथ ही एसडीआरफ की टीमें मौके पर भेज दी गईं थी। जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राणाप्रताप सागर तथा बीसलपुर बांध सहित सभी बांध सुरक्षित है इनके टूटने की आशंका निराधार है।

उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली गिरने, मकान के गिरने एवं वर्षाजनित कारणों से इस साल कुल 54 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जिनमें से अधिकतर के परिजनों को एसडीआरएफ नोम्र्स के तहत सहायता राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए 10 राहत शिविर खोले गए हैं।

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