जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मोबाइल वैनों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ इसे स्थाई केबिन से संचालित करने की संभावना तलाशी जाएं। राजे बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर स्वायत्त शासन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि छात्रों, मजदूर वर्ग आदि के बीच इस योजना के लिए शुरूआत से ही अच्छा फीडबैक मिला है, जिसके चलते इसका विस्तार किया जा रहा है। अब इस योजना के तहत अस्पतालों में मरीजों के परिजनों सहित अन्य जरूरतमंदों को भी भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना में दिसम्बर 2017 से मोबाइल वैनों की संख्या 500 हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने योजना के संचालन में गुणवत्ता और स्वच्छता में और अधिक सुधार लाने पर जोर दिया और अन्नपूर्णा रसोई योजना में खाने की मात्रा बढ़ाए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इसमें खाने की बर्बादी नहीं हो। राजे ने प्रदेश के सभी जिलों में पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने के लिए विशेष अभियान के तहत उनका चिन्हीकरण कर फोटोग्राफी करवाने और जीर्णोद्धार कार्यों के बाद के स्वरूप पर एक पुस्तक का प्रकाशन करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी ऐसी बावड़ियों को जल संरक्षण के उदाहरणों के रूप में पेश करने के लिए पुस्तिकाओं का प्रकाशन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने स्वायत्त शासन विभाग की ओर से शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा बचत करने वाले स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट, पुराने शहरी क्षेत्रों के लिए विरासत संरक्षण परियोजना (हृदय), स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की स्थिति, ठोस कचरा प्रबन्धन, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, रात्रिकालीन सफाई, शहरी क्षेत्रों में पौधारोपण आदि कार्यों के लिए समीक्षा की।
बैठक में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी, अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास  मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन डाॅ. मंजीत सिंह, परियोजना निदेशक आरयूआईडीपी प्रीतम बी. यशवंत, निदेशक स्वायत्त शासन पवन अरोड़ा, जयपुर नगर निगम के आयुक्त रवि जैन सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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