– रेलवे में नौकरी देने के बदले गिफ्ट में ली जमीन
पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई ने छापेमारी की है। लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर जांच हुई। रेलवे भर्ती बोर्ड के ग्रुप डी में हुई गड़बड़ी के मामले में ये कार्रवाई हुई है। आरोप है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले एक लाख स्क्वॉयर फीट से ज्यादा की जमीन उपहार में ली गई है। रेलवे में नौकरी पाने वाले लोगों के घरों में भी सीबीआई ने छापा मारा है।
सीबीआई ने शुक्रवार को ही लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, दो बेटियों समेत 15 लोगों पर केस दर्ज किया। पटना में राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से सीबीआई अलग-अलग कमरों में पूछताछ की। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें बनाई गई है। वहीं दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से सीबीआई के एसपी और डीएसपी स्तर के अफसर पूछताछ की। लालू से भर्ती से जुड़ी फाइलों के बारे में जानकारी ली गई।
सीबीआई के विज्ञप्ति के मुताबिक रेल मंत्री रहते हुए लालू ने 2004-2009 के दौरान समूह ‘डी’ में नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनें ट्रांसफर कराई। यह जमीन 1 लाख 5 हजार 292 स्क्वॉयर फीट है। यह सारी जमीन पटना में हैं। ये जमीनें लालू के परिवार से संचालित कंपनी के नाम पर गिफ्ट के तौर पर लिया गया है। सीबीआई ने कहा है कि यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी पटना के निवासी नियुक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्ति दी गई। छापे के दौरान लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई के अफसरों से डॉक्टर बुलाने की मांग की। उन्होंने ने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है आप पहले डॉक्टर को बुला लीजिए। इसके साथ ही 2 वकीलों को भी बुलाया गया था। बिहार से भाजपा के सांसद सुशील मोदी ने कार्रवाई को लेकर कहा कि लालू के रेल मंत्री रहते भ्रष्टाचार का एक नया तरीका अपनाया गया था। लोगों को रेलवे के डी ग्रुप की नौकरी दी गई और बदले में उनसे पैसे की जगह जमीन ली गई।
इधर, पटना में कार्रवाई के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। राजद कार्यकर्ताओं ने छापे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे धरना और प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छापे की शुरुआत में अफसरों ने लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पेड़ के नीचे बैठा दिया था।

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