Amarinder Singh

चंडीगढ़। आखिरकार 10 साल बाद गुरुवार को पंजाब में कैप्टन राज की वापसी हो गई। राजभवन में राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही 8 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। जिनमें 6 कैबिनेट और 2 राज्यमंत्री है। कैप्टन की टीम में दोनों राज्यमंत्री महिलाएं राजिया सुल्ताना व अरुणा चौधरी हैं। वहीं भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले तेजतर्रार नेता नवजोत सिंह सिंद्धू, मनप्रीत सिंह, ब्रह्म मोहिंद्रा, चरणजीत सिंह चन्नी, तृप्त राजिंदर बाजवा व राणा गुरजीत सिंह कैबिनेट में शामिल हुए। शपथ लेने के बाद सिद्धू ने अमरिंदर सिंह से आशीर्वाद लिया, लेकिन वे राज्यपाल से बिना हाथ मिलाए जाने लगे तो अमरिंदर से उन्हें टोका। जिस पर सिद्धू राज्यपाल से हाथ मिलाकर आगे निकल गए। वहीं मनप्रीत सिंह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इधर शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, अजय माकन सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी शामिल थे। अमरिंदर सिंह ने शपथ लेने के साथ ही एक इतिहास भी रचा। 1966 में पंजाब के पुर्नगठन के बाद वे कांग्रेस के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए। जिन्होंने दूसरी बार पंजाब की कमान अपने हाथ में ली है। इससे पूर्व हुई विधायक दल की बैठक में अमरिंदर सिंह को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल से भेंटकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रुप में उभरी। वहीं सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन महज 18 सीटों पर सिमट गया। जबकि पंजाब में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरे नम्बर पर रही। इसके साथ ही आप पार्टी मुख्य विपक्षी दल बन गई है।

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