पणजी। गोवा में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिलने के बाद भी पार्टी सरकार बनाने में आखिर क्यों विफल रही? इसको लेकर कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए विधायकों का दर्द अब उनके मुंह से ही छलकने लगा है। तभी तो कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने मामले में सीधे तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधा और उनके कुप्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। पूर्व सीएम प्रताप सिंह राणे के पुत्र विश्वजीत राणे ने पार्टी विधायकों की एक बैठक में अपनी बात कही। साथ ही वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को लेकर अपना दु:ख और नाराजगी खुलकर बताई। उन्होंने कहा कि गोवा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बाद भी हमारी सरकार क्यों नहीं बनी? यह एक बड़ा सवाल है। जिस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। इस दशा के लिए दिल्ली से आए वरिष्ठ नेता विशेषकर उनका लचर प्रबंधन और शिथिल प्रक्रिया सीधे तौर पर पूरी तरह जिम्मेदार है। कांग्रेस की सबसे अधिक सीटें आने के बाद भी ऐसा लगा मानो दिल्ली से जो प्रभारी गोवा आए, वे यह कभी चाहते ही नहीं थे कि गोवा में कांग्रेस पार्टी सरकार बनाए। हमारी पार्टी के विधायक दल के नेता चुनने में ही देरी कर दी, जो एक बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है। उनके इस कुप्रबंधन के मामले में पार्टी को पता लगाना होगा और इस मामले में गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है। समय मिलने के साथ इस मसले को पूरजोर तरीके से उठाया जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने गोवा की जिम्मेदार कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को सौंपी थी। ऐसे में विधायक राणे की नाराजगी दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुले तौर पर देखी जा रही है। बतातें गोवा चुनावों में भाजपा को 13 और कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी। इसके बाद भी भाजपा के मनोहर पर्रिकर ने सीएम के तौर पर शपथ लेकर सरकार बना ली। जबकि कांग्रेस मुंह लटकाएं ही रही।

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