जोधपुर. जोधपुर ग्रामीण के बिलाड़ा थाना क्षेत्र में महिला की हत्या के आरोपी के घर पर आज बुलडोजर चला। लांबा गांव निवासी आरोपी का मकान गोचर भूमि पर बना हुआ है। इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को शिकायत दी थी। प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर नोटिस भी दिया गया था। अब आरोपी अनिल बिश्नोई के मकान पर गुरुवार को प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। अपराधी के मकान पर बुल्डोजर चलाने की यह जोधपुर जिले की पहली कार्रवाई बताई जा रही है। बता दें कि जोधपुर के निकटवर्ती बिलाड़ा थाना क्षेत्र के लांबा गांव में 23 दिसंबर को दो युवक चोरी करने की नीयत से विवाहिता के मकान में घुसे थे। महिला के जागने और पहचान सामने आने के डर से आरोपी अनिल बिश्नोई ने अपने साथी साहिल के साथ मिलकर महिला अंजू विश्नोई की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी। वहीं एक साल की मासूम बेटी काव्या और 12 साल की भतीजी पर भी चाकू से हमला किया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद से ही ग्रामीणों में आक्रोश था। इसको लेकर ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले ही एसडीएम को ज्ञापन दिया था। जिसमें बताया गया था कि अतिक्रमण करके आरोपी ने अपना घर बनाया है। ऐसे में प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्रवाई करते हुए गुरुवार को अतिक्रमण हटाने का फैसला किया गया। इसको लेकर एसडीएम ने पुलिस उपाधीक्षक से पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। आरोपी के मकान के अतिक्रमण को तोड़ने के लिए सुबह 9 बजे से ही पुलिस जाब्ता पहुंच गया था। इस दौरान सीओ बिलाड़ा राजवीर सिंह, तहसीलदार आकांक्षा चौधरी भी मौजूद रही। मकान को तोड़ने से पहले पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई। इसके बाद दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई दो बजे तक चली, जिसमें दो घंटे में चार जेसीबी से नियमानुसार अतिक्रमण हटाया गया। आरोपी के घर का आधा हिस्सा, जो अतिक्रमण की जद में था उसे हटाया गया। इस दौरान गांव के ग्रामीण भी मौजूद रहे। गांव की सरकारी रास्ते की भूमि पर पंद्रह साल से अधिक समय से आरोपी अनिल उसके परिवार अतिक्रमण कर रह रहा था। इसको लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायत दी थी। इसके बाद प्रशासन की और से अतिक्रमण हटाने को लेकर आरोपी के घर का मौका मुआयना किया गया। जिसमें उसका घर अवैध जगह पर बना हुआ पाया गया। इसके बाद शुक्रवार को तहसीलदार की ओर से जारी किए गए नोटिस को मकान और बाड़े पर चश्पा किया गया था। अतिक्रमण के बाद मलबा ट्रैक्टर की सहायता से गांव से बाहर भिजवाया गया। दोपहर 4 बजे बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके से वापस लौटे। इधर अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं था। गांव वालों में इस बात को लेकर खुशी थी। ग्रामीणों का कहना था कि आरोपी ने इस तरह का कृत्य किया है जो दुखद होने के साथ ही मानवता को भी शर्मसार कर देने वाला है। इसलिए इस तरह के असामाजिक तत्वों पर इसी तरह से कार्रवाई होनी चाहिए। आरोपी का परिवार कार्रवाई रूकवाने के लिए कलेक्टर से भी मिला। हालांकि उन्हें राहत नहीं मिली। वहीं गांव में हुक्का पानी बंद कर देने के आरोपों पर भी कोई प्रमाण नहीं मिला।

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