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राज्य में खुलेगा पहला जैव प्रौद्योगिकी पार्क एवं इक्यूबेशन सेन्टर
जयपुर। जैव प्रौद्योगिकी सचिव, भारत सरकार डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि राजस्थान में जैव प्रौद्योगिकी पार्क एवं जैव प्रौद्योगिकी इक्यूबेशन सेन्टर खोला जाएगा। इसके लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान के मध्य एमओयू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे राजस्थान को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान तथा युवाओं को रोजगार से जोड़ने के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

डॉ. रेणु स्वरूप शुक्रवार को राज्य में बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स संचालित करने वाले सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर, डायरेक्टर एवं डीन तथा बायोटेक में शोध करने वाले संस्थान एवं इससे जुडे़ स्टार्टअप के प्रतिनिधियों की स्टेट बायोटेक कोहोर्ट मीटिंग को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से राजस्थान में बायोटेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। बायोटेक्नोलॉजी पार्क एवं इक्यूबेशन सेन्टर को भारत सरकार की सरकारी कंपनी बायरेक्स (बायोटेक्नोलॉजी इण्डस्ट्री रिसर्च अंसिस्टेंस कांउसिल) के सहयोग से पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी की उपयोगिता आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में (चिकित्सा, कृषि एवं कृषि उत्पादन, उद्योग, अखाद्य पदार्थ इत्यादि) में बढ़ती जा रही है। ऎसे में बायोटेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलने से औद्योगिक विकास एवं अनुसंधान को भी गति मिलेगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की शासन सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा कि राज्य में बायोइन्फार्मेशन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एवं नैनो मेडीसन इत्यादि में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निरोगी राजस्थान योजना को लांच किया है तथा इसको मजबूती प्रदान करने के लिए बायो इन्र्फोमेटिक्स के माध्यम से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होेंने कहा कि राज्य में बायोटेक्नोलॉजी के ईको सिस्टम एवं स्टार्टअप को भारत सरकार से सहयोग के द्वारा उन्नत किया जाएगा।

श्रीमती सिन्हा ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े वैज्ञानिकों एवं युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग से होने वाली भर्ती परीक्षा में जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान में स्नातक करने वालो को मान्यता दिलाने हेतु प्रयास किए जाएंगे ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सके। आगामी माह में विज्ञान एवं बायोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप को रिवर्स पिंच करवाया जाए। इन स्टार्टअप को बायरेक्स के माध्यम से फंडिग प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि औद्योगिकीकरण को विज्ञान बेस मेन्यूफेक्चरिंग से ही लाया जा सकता है तथा औद्योगिक विकास में विज्ञान आधारित अनुसंधान का बहुत ज्यादा महत्व है। अतः राज्य में बायोटेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिमाह इससे जुडे़ संस्थानों एवं विशेषज्ञों की बैठक आयोजन का निर्णय लिया गया है। जिससे इनसे जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो सके। इस अवसर पर भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी से जुडे़ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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