जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर योजनाबद्ध रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के जिस संकट का सामना पूरे देश-प्रदेश ने किया, उसे देखते हुए राज्य के जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने, पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था विकसित करने के साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे आने वाले वक्त में यदि तीसरी लहर आती भी है, तो प्रदेश के राजकीय अस्पताल उससे मुकाबले के लिए पहले ही तैयार हो सकेंगे।
गहलोत सोमवार को जोधपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से जुडे करीब 39 करोड़ रूपये के विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने करीब 33 करोड़ रूपए की लागत के 13 कार्यों का लोकार्पण एवं 6 करोड़ रूपए की लागत के दो कार्यों का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर तथा इसके बाद की घातक दूसरी लहर के समय राजस्थान ने जिस प्रकार का कोरोना प्रबंधन किया उसकी सराहना पूरे देश में हुई है। चाहे वह सघन कांटेक्ट ट्रेसिंग का भीलवाडा मॉडल हो, सामाजिक जागरूकता के लिए नो मास्क-नो एंट्री अभियान हो, कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार करने के लिए सूखे राशन तथा भोजन सामग्री के पैकेट वितरण का कार्य हो या गांव-ढाणी तक बसे 16 लाख परिवारों तक दवा किट पहुंचाने का सफल अभियान, हमने कहीं कोई कमी नहीं रखी।
गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्य के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलें। अब सिर्फ जालोर, राजसमंद तथा प्रतापगढ़ ही ऎसे जिले हैं, जहां राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। हमारी कोशिश रहेगी कि इन जिलों में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज मंजूर हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के बाद जोधपुर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है। लेकिन दुर्भाग्य से इसे स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल नहीं किया गया। यदि जयपुर, उदयपुर एवं प्रदेश के अन्य शहरों की तरह जोधपुर को भी स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल कर लिया जाता, तो उससे विकास के कई कार्यों को और भी गति मिल सकती थी।
इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 400 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की योजना पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। इसके साथ ही नवजात गहन चिकित्सा इकाई (नीकू), शिशु गहन चिकित्सा इकाई (पीकू), कमजोर एवं कुपोषित नवजातों के उपचार के लिए स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमारी तैयारियां पूरी रहें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब-जब भी प्रदेश की बागड़ोर संभाली है, तब-तब प्रदेश के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के ऎतिहासिक फैसले लिए हैं। चाहे वह मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना हो, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना हो, निरोगी राजस्थान हो या मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना।

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