Ashok Gehlot
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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव  अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे देखकर आमजन में भय व्याप्त होने लगा है। माण्डलगढ की विधायक कीर्ति कुमारी का स्वाइन फ्लू से निधन होना बहुत ही दुःखद है एवं सरकार की घोर लापरवाही का नमूना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय 2010 में जब पहली बार स्वाइन फ्लू आया तब इसकी जांच के लिए एक भी लैब राजस्थान में नहीं थी और ना ही इलाज की कोई सुविधा थी। तब सरकार ने इसकी जांच के लिए प्रदेश में 6 लैब स्थापित की एवं इलाज की समुचित व्यवस्था की। आज देश की 21 में से 7 लैब राजस्थान में हैं एवं इलाज की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होते हुए भी लगातार मौतें हो रही हैं। वैसे तो मौत भाग्य के हाथ में होती है लेकिन सरकार द्वारा आम लोगों को इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों के साथ ही जांच करवाने एवं टेमी फ्लू दवा देने के लिए जागरूक नहीं करने का ही परिणाम है कि अनावश्यक मौतें हो रही हैं।
 गहलोत ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में लगातार स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू के 900 से अधिक रोगी चिन्हित हुए हैं जिनमें से 83 की तो मौत भी हो चुकी है। अब स्वाइन फ्लू ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पांव पसार रहा है जहां इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें शहरों में आना पड रहा है लेकिन वहां भी उन्हें बमुश्किल इलाज मुहैया हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में लोकसभा सदस्य श्री सांवरलाल जाट के लिए भी एम्बुलेंस आने हुई देरी पर मुख्यमंत्री को भी चिकित्सा व्यवस्था को लेकर नाखुशी जाहिर करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू पीड़ित विधायक का समय पर इलाज शुरू हो जाता तो जान बच सकती थी, इसकी जांच होनी चाहिए जिससे भविष्य में इस बीमारी से पीड़ित आम लोगों की जान बच सके।

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