जयपुर। पुलिस ने बीकानेर में नकली देशी घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। इस फैक्ट्री से राज्य के अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर नकली घी सप्लाई किया जाता था। एसपी सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि मंगलवार को सुबह बीछवाल थाना पुलिस ने पिकअप गाड़ी रोककर उसकी तलाशी ली तो उसमें नकली देशी घी के 100 टिन और अलग-अलग साइज के डिब्बों से भरे 40 कार्टून बरामद हुए। गाड़ी चालक से पूछताछ की गई तो पता चला कि नाल एरिया में हाइवे पर टोल नाके के पास हाइटेक फैक्ट्री है जहां बड़े पैमाने पर नकली देशी घी बनाने का कारोबार किया जा रहा है। नाल और बीछवाल थाना पुलिस ने वहां छापा मारा तो हाईटेक तरीके से नकली देशी घी बनाया जा रहा था। वैभव रिपेकर नाम की इस फैक्ट्री को देशनोक निवासी अशोक उपाध्याय चला रहा था जो वर्तमान में गंगाशहर में रहता है। उसे व फैक्ट्री में काम कर रहे छह लोगों को हिरासत में लिया गया है।

इनसे पूछताछ में सामने आया है कि फैक्ट्री में दो साल से नकली देशी घी बनाया जा रहा है। रोजाना तीन से चार हजार लीटर नकली घी टिन, डिब्बों और थैलियों में भरकर ट्रांसपोर्ट के जरिये श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में सप्लाई किया जाता था। इन जिलों में भी पुलिस को इत्तला कर दी गई है। नकली घी का कारोबार करने वाले फैक्ट्री में ही घी की प्रमाणिकता के लिए होलमार्क भी देते थे। नाल, बीछवाल और गंगाशहर पुलिस थानों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने मौके पर सीएमएचओ देवेन्द्र चौधरी और उनकी टीम को भी बुलाया जिन्होंने सैंपल लिए। सीओ सदर राजेन्द्रसिंह राठौड़, नाल थाना एसएचओ जगदीश तंवर, बीछवाल थाना एसएचओ धीरेन्द्रसिंह कार्यवाही में शामिल थे। मौके से बरामद : एसेंस की एक बोतल जिससे दो ट्रक नकली घी बनाया जा सकता है। एक टिन घी में एसेंस की दो बूंद डाली जाती है। पैकिंग मशीनें, पाम ऑयल, डालडा घी, टिन, डिब्बे, थैलियां, होलमार्क, कलर, पैकिंग आदि का सामान जिसके नाम लाइसेंस था, उसे 8000 रुपए महीना देते थे पुलिस के मुताबिक नाल एरिया में नकली घी बनाने की फैक्ट्री का लाइसेंस दिनेश व्यास के नाम से लिया था और उसे तो हर माह केवल 8000 रुपए ही दिए जाते थे। फैक्ट्री का मालिक और नकली घी का कारोबार अशोक उपाध्याय करता था।
हाईटेक है फैक्ट्री : नकली देशी घी का कारोबार करने वालों ने फैक्ट्री को हाईटेक बना रखा है। फैक्ट्री में स्टीम प्लांट लगा रखा है। दो बॉयलर लगे हैं। सारा काम हाइटेक तरीके से होता है जिसके लिए आधुनिक मशीनें लगा रखी हैं। एसेंस, डालडा घी, पाम ऑयल, कलर व अन्य सामग्री मिलाकर नकली घी बनाया जाता है जिसे टिन व अलग-अलग साइज के डिब्बों व थैलियों में भरकर सप्लाई किया जाता है।

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