Asaram Bapu rape case
Asaram Bapu rape case

जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म केस में एसटी-एससी कोर्ट जोधपुर के जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में खास बात यह है कि दुष्कर्म केस की पीडिता ने जब यह मामला दर्ज करवाया था तब उस दिन बुधवार था। आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है तो आज भी भगवान गणेश जी का वार बुधवार है। बुधवार को ही मामला दर्ज हुआ और बुधवार को ही कोर्ट में फैसला दिया है।

पीडिता ने 19 अगस्त, 2013 को दिल्ली के कमला नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। उस दिन बुधवार था। आज 25 अप्रेल, 2018 को आए फैसले का वार भी बुधवार ही है। पीडिता ने अपने बयान भी बुधवार को दर्ज करवाए हैं और पुलिस ने आसाराम व चार अन्य आरोपियों के खिलाफ चालान भी बुधवार को ही किया था। इसे योग कहे या संयोग कि भगवान गणेशजी का आशीर्वाद भी पीडिता व उनके परिवार के साथ रहा। यहीं कारण है कि दुष्कर्म के आरोपी आसाराम बापू को आजीवन कारावास तो उनके सहयोगी शरदचन्द्र व शिल्फी को बीस-बीस साल की सजा हुई। आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने, बंधक बनाने, अवैध व्यापार, छेड़छाड़ और धमकाने, गिरोह द्वारा नाबालिग का अवैध व्यापार व यौन शोषण की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।

पीडिता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में 19 अगस्त, 2013 को जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज करवाई की कि वह आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ाई करती है और उसके माता-पिता बापू के भक्त है। हॉस्टल की वार्डन शिल्पी ने पीडिता पर भूत-प्रेत का साया बताते हुए उसके माता-पिता को इसका इलाज आसाराम बापू द्वारा करना बताया। आसाराम के सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र और शिवा उर्फ सवाराम ने भी यहीं बात पीडिता के परिजनों से कही। यह भी कहा कि आसाराम पूरी रात अनुष्ठान करके छात्रा पर से भूत-प्रेत का साया हटाएंगे। शिवा पीडिता को शाहजहांपुर से दिल्ली और वहां से जोधपुर स्थित मणाई आश्रम लेकर गया, जहां भूत-प्रेत उतारने के नाम पर आसाराम बापू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बंधक बनाकर इन्हें धमकाया भी। वहां से प्राथमिकी जांच के लिए जोधपुर रैफर कर दी गई। पीडिता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम बापू को अरेस्ट किया। इस मामले में शिल्पी, शिवा, शरदचन्द्र और एक अन्य प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। मामले को लेकर पीडित पक्ष ने 58 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। गिरफ्तारी के बाद से ही आसाराम व प्रकाश जेल में है। शिवा, शिल्पी व शरदचन्द्र जमानत पर बाहर थे, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर शिल्पी व शरदचन्द्र को जेल में रहना होगा। वहीं प्रकाश व शिवाराम को रिहाई मिली है।

 

 

 

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