– एसओजी ने बैंक चेयरमैन, सीईओ समेत पांच घोटालेबाजों को धरा, फर्जी खाते खोल निकाले 16 करोड़ रुपए, नोटबंदी के बाद 97 लाख रुपए की करंसी भी बदली
जयपुर। अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में फर्जी खातों से लोन उठाकर सोलह करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। एसओजी ने इस घोटाले का पर्दाफाश करके बैंक के पूर्व और वर्तमान चेयरमैन, सीईओ समेत पांच घोटालेबाजों को धरा है। इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड अभिषेक जोशी को बताया जा रहा है। इसी ने बैंक का प्रबंधन संभाला। फिर फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपए का लोन भी उठा लिया। नोटबंदी के बाद 97 लाख रुपए के पुराने नोट को भी बदले हैं। एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) उमेश मिश्रा ने बताया कि अलवर पुलिस ने 19 नवंबर 2016 को अलवर जिले के एक होटल से अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के मैनेजर दीपक तांती व उसके एक साथी शशिमोहन को 108 विभिन्न खातों की चैक बुक व संदिग्ध सामग्री के साथ पकडा था। इनके ही साथियों से किशनगढ़बास में 1.32 करोड़ रुपए की राशि जब्ती की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण एसओजी के सुपुर्द किया। एसओजी के अनुसंधान में पांच महीने के दौरान इस बैंक में करीब 16 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया। घोटाले को अंजाम देने के आरोप में एसओजी ने बैंक के पूर्व चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी एडवोकेट, सीईओ महेश मुदगल, वर्तमान चेयरमैन मृदुल जोशी, डायरेक्टर अशोक जोशी, घोटाले के मास्टर माइंड अभिषेक जोशी को गिरफ्तार किया। मृदुल जोशी व अशोक जोशी मास्टर माइंड अभिषेक जोशी के भाई व पिता है।

– ऐसे दिया घोटाले को अंजाम

पुलिस महानिरीक्षक एसओजी एम.एन. दिनेश के मुताबिक, अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन 12 डायरेक्टरों व चैयरमैन के बोर्ड द्वारा होता है। डायरेक्टरों के लिए बैंक की सदस्यता प्राप्त करना आवश्यक होता है। इनका चुनाव बैंक के सभी सदस्यों (हिस्सा धारकों) द्वारा 5 वर्ष के लिए किया जाता है। डायरेक्टर्स का चुनाव लडने के लिए कम से कम 2 वर्ष पुरानी सदस्यता आवश्यक होती है। दिल्ली निवासी अभिषेक जोशी ने मई-जून 2016 में बैंक के तत्कालीन चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी व सीईओ महेश मुदगल से सम्पर्क किया और एक करोड़ रुपए देकर संचालक मंडल में अपने 12 डायरेक्टर्स से मिलीभगत कर बिना चुनाव व पात्रता शर्तों को पूरा किए बिना बैंक के दस्तावेज में कांट-छांट व कूट रचना कर उन्हें नियुक्त करवा लिया। अभिषेक जोशी ने अपने भाई मृदुल को चेयरमैन व अन्य परिजनों व जानकारों को बैंक में डायरेक्टर्स बनवा कर बैंक का समस्त प्रबंधन अपने अधिकार में ले लिया। मास्टर माइंड अभिषेक जोशी बम्बई में भी संघमित्रा नाम के बैंक का संचालन करता है। फिर अभिषेक जोशी ने सीईओ से मिलीभगत करके अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में फर्जी खाते खोलकर करीब 9 करोड़ रुपए का लोन लेकर इस राशि का गबन किया। फिर अभिषेक जोशी ने बैंक मैनेजर दीपक तांती के साथ मिलकर अपने साथ मिलकर अपने स्टेट बैंक में अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के खातों से 4.75 करोड रुपए निकाल लिए। इसका अपने बैंक में कोई रिकार्ड नही है। अभिषेक ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक की 2.11 करोड की राशि विभिन्न खातों में आर.टी.जी.एस. की गई। अनुसंधान से यह भी उजागर हुआ कि नोटबंदी के बाद अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लि. को अपने खाताधारकों को वितरित करने के लिए आए 1.38 करोड की नई मुद्रा में से खुद ने 97 लाख रुपए की पुरानी मुद्रा को एक्सचेंज कर लिया। सभी आरोपियों को गुरुवार को अलवर कोर्ट में पेश कर रिमाण्ड पर लिया जाएगा।

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