action

जयपुर, 25 फरवरी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद मीना ने मंगलवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़े हुए सरकारी कार्मिकों की योजना से जुड़ने की जांच की जा रही है तथा दोषी पाये जाने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग को पत्र लिखकर पीडीआर एक्ट 1952 के तहत वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य मंत्री प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि एनएफएसए योजना मैं जो अपात्र व्यक्ति जुड़े हुए हैं उन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया जाएगा। बाजार में प्रचलित दर के अनुसार वसूली की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एनएफएसए में चयनित लाभार्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से समीक्षा करवाई जाएगी।

मीना ने कहा कि एनएफएसए योजना में समावेशन की श्रेणी में जो पात्रता नहीं रखते है ऎसे 3 लाख 68 हजार 354 व्यक्तियों को विगत दिसंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक हटाया गया है एवं इस दौरान 31 लाख 53 हजार 720 पात्र व्यक्तियों के नाम भी जोड़े गए हैं।

इससे पहले विधायक श्री राजेंद्र राठौड़ के मूल प्रश्न के जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकारी कर्मचारी द्वारा रियायती दरों पर राशन सामग्री प्राप्त करने की शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि अपात्र लाभार्थियों की जांच के बाद नियमानुसार बाजार दर से स्थापित नियमों के अंतर्गत विहित प्रक्रिया के द्वारा शीघ्र वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

खाद्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से वंचित पात्र लाभार्थियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूचियों में जोड़ने एवं अपात्र व्यक्तियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाए जाने के लिए सतत अपीलीय प्रक्रिया दिनांक 5 नवंबर 2015 से लागू है। उन्होंने बताया कि विभागीय आदेश 6 नवम्बर 2019 के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में अंकित अपात्र व्यक्तियों का सत्यापन का कार्यक्रम राज्य में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सत्यापन कार्यक्रम के परिणामों के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची से हटाना प्रक्रियाधीन है।

LEAVE A REPLY