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जयपुर। भ्रष्टाचार हमारे समाज में किस कदर व्याप्त इसका रोज एक न एक उदाहरण हमारे सामने आ ही जाता है। जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग जाते हैं और लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या कोई ऐसा भी विभाग है जहां पर बिना रिश्वत दिए कोई काम हो सकता हो। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एसीबी ने आज गोविन्दगढ़ के डीएसपी महावीर प्रसाद को एक लाख 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। एसीबी उसे गिरफ्तार कर रींगस थाणे में पूछताछ कर रही है। एसीबी ने संभावना जताई है कि पूछताछ के दौरान डीएसपी महावीर प्रसाद से और भी कई राज और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।

प्रोबेशनर डिप्टी एसपी महावीर चोटिया आईपीएस टॉपर रहा है। हाईकोर्ट के एक जज के गनमैन सामोद निवासी रामेश्वर कांडा की शिकायत पर एसीबी ने रींगस थाने में एक लाख दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरा। रामेश्वर कांडा के छोटे भाई की पुत्रवधु ने अपने पति, ससुराल पक्ष के अन्य लोगों व रामेश्वर कांडा पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवा रखा है। इस मामले में नाम हटाने की एवज में महावीर चोटिया ने डेढ़ लाख रुपए मांगे। समझौता एक लाख दस हजार में तय हुआ। सोमवार शाम को रिश्वत की राशि लेते हुए एसीबी ने उसे धर लिया। आरपीएस में चयन होने से पहले वह सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक था।

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