जयपुर। कंधों पर कावड़ लिए भक्तों ने एवं गुलाबी रंग के लहरिये में सर पर कलश धारण किये महिलाओं ने जब एक स्वर में शिव के जयकारे लगाए तो अनायास ही छोटी काशी के रूप में विख्यात जयपुर नगरी भोले के रंग में रंगी दिखी। मौका था श्री डबल शंकर महादेव विकास समिति के तत्वावधान में रविवार को निकाली गई कांवड व कलश यात्रा का। जिसमें भोले के भक्तों ने गलता व हरिद्वार से लाए गंगा के पवित्र मिश्रित जल से शिव का अभिषेक किया। कावड़ यात्रा में शामिल हर कोई अपने हाथों से बाबा का अभिषेक करने के लिए आतुर दिखा। गलता तीर्थ से अलसुबह कावड में पवित्र जल भर कर रवाना हुए भक्तों का काफिला जैसे ही परकोटा क्षेत्र में पहुंचा तो शहरवासियों ने पलक पावंडे बिछा दिए। आयोजन समिति के संयोजक शरद खण्डेलवाल की अगुवाई में कावड़िये भोले की भक्ति के साथ देश भक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे थे, उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। भोले के जयकारों व देश भक्ति के जयघोष के साथ कावडियों ने केसरिया रंग व तिरंगे झण्डे लहराते हुए अजमेर से आये बैण्ड की थाप पर कावडिये झूम रहे थे और शिव का जयघोष कर रहे थे। कांवड यात्रा में सजे धजे ऊट, घोडे, ढोल-तासेे शामिल थे। कावडियों का जगह जगह व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों व सर्वसमाज के प्रतिनिधियों ने फूल बरसा कर व आरती उतार कर स्वागत किया। कावड़ यात्रा के साथ जब कलश यात्रा का संगम चौडा रास्ता स्थित द्वारकाधीश मंदिर के बाहर हुआ तो वहां मौजूद हर कोई भक्त भोले के जयघोष पर झूम उठा । चौडा रास्ते में शारदा पीठाधीश्वर सीताराम दास महाराज, गोविन्ददेवजी के मानस गोस्वामी सहित अन्य गणमान्य ने कावड कलश यात्रा का स्वागत किया व कलश यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। पूर्व महापौर ज्योति खण्डलेवाल की अगुवाई में गुलाबी लहरिये की साडी पहने 1100 महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर आगे बढ़ी। कावड़ व कलश यात्रा के साथ चल रहे कावडियों ने ढोल ताशो व डमरू बजाकर माहौल शिवमय बना दिया। कावड व कलश यात्रा में शामिल भक्तो में कई भक्त भगवा व तिरंगा ध्वज लहराते हुए भोले का जयघोष कर रहे थे। करीब चार घंटे विभिन्न मार्गो से होते हुए कावड कलश यात्रा जैसे ही बाबा हरिश्चन्द्र मार्ग स्थिति डबल शंकर महादेव मंदिर पहुची भोले के जयकारो के साथ पुरूष व महिलाऐं झूमने व नाचने लगी साथ ही जयघोषों के तेज स्वर गुंजायमान होने लगे। इसके पश्चात कावडियों व कलश धारण की हुई महिलाओं ने भगवान शंकर का जलाभिषेक किया । शाम को डबल शंकर महादेव मंदिर भूतनाथ की भव्य झाकी सजाई गई।

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