नई दिल्ली नोटबंदी के दौरान देश में 1000-500 के नोट बंद हो गए थे। जिसके बदलेसरकार ने 500 और 2000 के नए नोट निकाले उसके बाद कुछ-कुछ अंतराल में 100 और 200 तथा 50 रूपए के नए नोट भी आए यहां तक की 10 रुपए का भी नया नोट देखने मिला। 10 रुपए का सिक्का भी बाजार में आया मगर सिक्कों को लेकर लोगों में मतभेद था। देश के कई हिस्सों से 10 रुपये के कुछ सिक्कों को दुकानदारों या पब्लिक द्वारा स्वीकार न किए जाने की खबरें आती रही हैं। अब यह मामला संसद में भी उठा है। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। यादव ने कहा कि बिहार और झारखंड में बहुत से स्थानों पर कुछ तरह के 10 रुपये के सिक्कों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि 10 रुपये के सिक्कों के कुल 14 डिजाइन उपलब्ध हैं, इनके चलते कई बार भ्रम की स्थिति हो जाती है। रिजर्व बैंक द्वारा कई बार स्पष्टीकरण देने के बावजूद 10 रुपये के सिक्कों को लेकर लोगों के बीच अभी भी काफी शंकाएं हैं। 10 रुपये के सिक्कों को लेने में लोग अभी भी आनाकानी करते हैं। आलम यह है कि बैंकों के पास अब 10 रुपये के सिक्कों को स्टोर करने की जगह तक कम पड़ चुकी है। इस साल जनवरी में रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी करते हुए कहा था, ‘आरबीआई के यह संज्ञान में आया है कि कुछ जगहों पर लोग और दुकानदार 10 रुपये के सिक्कों को नकली होने की आशंका में लेने से इनकार करते हैं।


































