'Raj-disease' is now a disease associated with lifestyle: Modi

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कभी विलासितापूर्ण जीवन जीने वालों को होने की वजह से ‘राज-रोग’ कहलाने वाला मधुमेह आज जीवन शैली से जुड़ी बीमारी बन चुका है जिससे बचाव के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या में योग एवं व्यायाम को शामिल करना चाहिए। मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में फोनकॉल के दौरान एक डॉक्टर द्वारा बच्चों में मधुमेह की बीमारी पर ध्यान आकर्षित किये जाने पर प्रधानमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए योग को इसके उपाय के रूप में सुझाया। उन्होंने कहा कि पहले जो बीमारियाँ बड़ी उम्र में, जीवन के अंतिम पड़ाव के आस-पास होती थीं – वह आजकल बच्चों में भी दिखने लगी हैं। बच्चों में मधुमेह सुनकर आश्चर्य होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले ऐसे रोगों को ‘राज-रोग’ कहा जाता था क्योंकि ऐसी बीमारियाँ केवल संपन्न लोगों को, ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जीने वालों को ही होती थीं। लेकिन हमारा लाइफ-स्टाइल बदल गया है। इन बीमारियों को लाइफ-स्टाइल डिस्ऑर्डर के नाम से जाना जाता है।’’ शारीरिक श्रम में कमी और खान-पान में बदलाव को कम उम्र में इन बीमारियों की वजह बताते हुए मोदी ने सलाह दी कि परिजन जागरूकता के साथ यह सुनिश्चित करें कि बच्चे, खुले मैदानों में खेलने की आदत डालें। संभव हो तो परिवार के बड़े लोग भी बच्चों के साथ खुले में जाकर कर खेलें। बच्चों को लिफ्ट की बजाय सीढ़ियाँ चढ़ने की आदत डालें। रात में भोजन के बाद टहलने की कोशिश करें।

योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘योग, विशेष रूप से हमारे युवा मित्रों को एक स्वस्थ जीवनशैली बनाये रखने और इससे संबंधी बीमारियों से बचाने में मददगार होगा। स्कूल से पहले 30 मिनट का योग, देखिए कितना लाभ देगा।’’ यौगिक क्रिया की सरलता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘योग की विशेषता यही है कि वह सहज है, सरल है, सर्व-सुलभ है । मैं सहज इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से योग कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि सरल इसलिए है कि इसे आसानी से सीखा जा सकता है और सर्व-सुलभ इसलिए है कि कहीं पर भी किया जा सकता है – विशेष उपकरण या मैदान की ज़रूरत नहीं होती है। मधुमेह पर योग के प्रभाव के संबंध में हो रहे अध्ययनों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इसपर एम्स में भी अध्ययन चल रहा है। अभी तक जो परिणाम आये हैं, वह बहुत उत्साहित करने वाले हैं।’’ उन्होंने लोगों से अपील की कि आयुर्वेद और योग को हम सिर्फ उपचार के माध्यम के तौर पर न देखें, उन्हें हम अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। दरअसल कार्यक्रम के दौरान होने वाले एक फोनकॉल में डॉक्टर पार्थ शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा था कि 14 नवम्बर को हम बाल दिवस के रूप में मनाते हैं क्योंकि वह हमारे पहले प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिन है ..उसी दिन विश्व मधुमेह दिवस भी मनाया जाता है … मधुमेह केवल बड़ों का रोग नहीं है , वह कई बच्चों में भी पाया जाता है ..तो इस चुनौती के लिए हम क्या कर सकते हैं? मोदी ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि बच्चे नए भारत के निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण नायक हैं।

LEAVE A REPLY