Padmavati controversy: Deepa's death deepens on Chetan's death on Nahargarh fort, doubt of murder
जयपुर। पद्मावती फिल्म पर विवादित बयानों के साथ नाहरगढ़ किले की प्राचीर पर फंदे से लटके मिले चेतन सैनी की मौत का राज खुल नहीं पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चेतन की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। प्रथमदृष्टया पुलिस इसे सुसाइड केस मान रही है, लेकिन हत्या से भी इंकार नहीं कर रही है। घटना स्थल पर पद्यावती फिल्म को लेकर लिखे गए बयानों और साम्प्रदायिक बातों से सुसाइड केस पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। क्योंकि मरने वाले राजपूत समाज से नहीं है और ना ही पद्मावती फिल्म को लेकर उसका किसी से झगड़ा फसाद हुआ है। फिर क्यों पद्मावती फिल्म पर विवादित बातें लिखकर सुसाइड करेगा। सवाल उठ रहे हैं कि अगर उसने कोयले से पद्यावती फिल्म पर विवादित बयान लिखे हैं तो उसके हाथों व कपड़ों पर कोयले के निशान आते, लेकिन उसके शरीर पर कोयले के निशान नहीं मिले। चेतन के लेन-देन को लेकर किसी से विवाद की बात भी सामने आई है। उधर, परिजन भी कह रहे है कि चेतन सुसाइड नहीं कर सकता। उसका काम-धंधा अच्छा चल रहा था। उससे किसी की कोई दुश्मनी भी नहीं है। वह घर पर बच्चों को छोड़कर गया और पत्नी से बातचीत में रात को घर लौटकर खाना खाने की बात कही है। ऐसे में उसका नाहरगढ़ पर जाने और फिर फंदा लगाकर किले की प्राचीर के दूसरी तरफ लटकना कई सवाल पैदा कर रही है। उधर, पुलिस को चेतन सैनी की पेंट से एक पर्ची मिली है, जिसमें चार लाख रुपए के लेन-देन का हिसाब है। पुलिस उस पर्ची के आधार पर लेन-देन के हिसाब के बारे में परिजनों से पूछताछ कर रही है। यह भी पडताल कर रही है कि कहीं इस लेन-देन के चलते तो उसने फांसी नहीं लगा ली या उस किसी ने उसकी हत्या करके वहां लटका नहीं दिया। परिजन व पुलिस दोनों मान रहे है कि प्राचीर के दूसरी तरफ फंदा लगाकर कूदना बड़ा मुश्किल है। एक बाद एक तीस से अधिक स्थानों पर पद्मावती व दूसरे विवादित विषयों पर सवाल खड़ा पैदा कर रहा है कि मरने से पहले क्यों कोई पद्मावती फिल्म और विवादित विषयों पर लिखेगा। जब घर-परिवार में कोई परेशानी नहीं है और व्यापार ठीक है तो क्यों फंदा पर झूलेगा। हालांकि घटना स्थल पर चाय के तीन-चार खाली कप मिलने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कोई परिचित और नजदीकी चेतन के साथ था। शायद वे तीन-चार लोग थे। तभी इतने कप थे। आखिर वे कौन थे, जिन्होंने वहां चेतन के साथ चाय पी। जूते भी मिले हैं। एक जूते में चाय के कप मिले है। ये जूते चेतन के बताए जाते हैं। पुलिस ने चेतन के मोबाइल कॉल डिटेल, फेसबुक की जांच की है। उसमें सामने आया है कि उसने पत्नी से बात की है, जिसमें उसके शाम को आने की कह रहा है। वहीं घर नहीं लौटने पर पत्नी के काफी मिस्ड कॉल भी है। मोबाइल में चेतन के सेल्फी वाले फोटो भी मिले हैं, जिनमें वह खुद अकेला ही फोटो लेता दिख रहा है। फोटो लेते समय खुश दिख रहा है। जब वह खुश था तो क्यों फंदे से झूलेगा। पोस्टमार्टम के बाद चेतन की शव यात्रा में भी मौजूद लोगों में इस मौत की चर्चा रही। लोग पद्मावती फिल्म पर लिखे बयानों, उसके सुसाइड करने पर ही चर्चा करते रहे, हालांकि किसी के गले से उसके सुसाइड करने की बात गले नहीं उतर रही है। हर किसी की जुबान पर उसकी हत्या करके फंदे पर लटकाकर सुसाइड केस का रुप देने की कह रहे थे।
पत्नी रात भर करती रही फोन
शुक्रवार रात आठ बजे तक चेतन के नहीं आने पर पत्नी नीतू ने उसके मोबाइल पर फोन किए। चेतन ने आठ बजे तक घर आने की कही थी। कई बार फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तो घर वालों को इस बारे में  बताया। चेतन के भाई व दूसरे परिजन भी फोन करते रहे, लेकिन मोबाइल नहीं उठा और ना ही पलटकर जवाब दिया। घर वाले रात भर उसे ढूंढते रहे। अगले दिन सुबह चेतन के भाई रामरतन को सोशल मीडिया में आए वीडियो के माध्यम से उसके नाहरगढ किले में फंदे से लटके होने की सूचना मिली। यह सुनते घर-परिवार में मातम छा गया। रात भर पत्नी भी चेतन के मोबाइल करती रही। पुलिस जांच में सामने आया है कि नीतू ने रात भर में 97 बार उसे फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पूरी रात डरी-सहमी निकाली। सुबह जैसे ही चेतन की मौत की खबर मिली तो उसकी रुलाई फूट पड़ी। दोनों बच्चे भी पिता की मौत की सुनकर रोने लगे। जिसने भी चेतन के बारे में सुना वह गमशीन हो गया। क्योंकि चेतन का स्वभाव मददगार रहा है पूरी कॉलोनी में। हंसमुख और सरल स्वभाव के कारण हर कोई उसे पसंद करता था।
खुद को क्यों बताता चेतन तांत्रिक
चेतन सैनी नाहरगढ़ किले पर फंदे पर लटका मिला है, वहां की दीवारों, सीढ़ियों और पत्थरों पर पद्यावती फिल्म को लेकर कई तरह के बयान लिखे हैं। कोयले से लिखे गए इन बयानों में पद्यावती फिल्म का विरोध क्यों?, हम किसी से डरते नहीं है। हम लुटेरे नहीं है…, हम पुतले जलाते नहीं है…. लटकाते हैं, साम्प्रदायिक बयान भी दीवारों पर सामने आए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कोई मरने वाला क्यों इस तरह की बातें लिखेगा, जबकि उसका सीधे तौर पर पद्यावती और राजपूत समाज से सीधा कोई ताल्लुक नहीं था। विवादित बयानों से लगता है कि इसे साम्प्रदायिक रुप देने की कोशिश की गई है। पुलिस और परिजनों को अंदेशा है कि सुसाइड केस दिखाने के लिए इस तरह के बयान लिखे जा सकते हैं, ताकि जांच की दिशा बदली जा सके और कोई शक नहीं करे। जिस तरह से नाहरगढ़ की प्राचीर पर फंदा लगाकर चेतन लटका मिला है, वह कई तरह के संदेह पैदा कर रही है। पुलिस भी इन्हें मान रही है। जल्द ही पुलिस इस मामले में खुलास कर सकेगी।

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