श्रीनगर। कश्मीर पुलिस ने आज कहा कि कश्मीर घाटी में रहस्यमयी ‘चोटी काटने वाले ’ कुछ लोग परेशानियों से बाहर निकलने या हिसाब बराबर करने के ऐसा कर रहे हैं । यह राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा दिये जा रहे उस सिद्धांत को भी बेनकाब करती है जो इस घटना के बाद मची अफरा-तफरी के लिये केंद्रीय एजेंसियों को जिम्मेदार बता रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने पाया कि कुछ मामलों में लोगों ने अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों, पीछा करने वालों और यहां तक की प्रवासी मजदूरों को भी चोटी काटने के शक में पीटा। अलगाववादी घाटी में हाल में हुई ‘‘चोटी काटे जाने की घटनाओं’’ से हुई अफरातफरी के पीछे केन्द्रीय एजेंसियों के हाथ होने का दावा कर रहे हैं जिसका मकसद उनके राष्ट्र विरोधी एजेंडे और ‘आजादी’ की मांग से ध्यान भटकाना है।
हालांकि कई मामलों में पुलिस ने पाया कि लोग अपनी समस्याओं से बचने के लिये इसे एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि घाटी में तनाव बढ़ाने के निहित स्वार्थ के लिये जन उन्माद खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग महज अशांति के लिये सुरक्षा बलों पर चोटी काट जाने के लिये आरोप लगा रहे हैं। हमनें हर क्षेत्र में सहायता देने के लिये टीमें बनाई हैं लेकिन जिन लोगों ने ऐसे आरोप लगाये वे मदद के लिये आगे नहीं आये।’’