जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के रुप में शुरू हुई जल क्रांति के बाद प्रदेश में वन क्रांति शुरू हो रही है। पिछले वर्ष जल संरक्षण के लिए जनजागृति के साथ इस अभियान की शुरूआत हुई थी, उसे जन-जन के सहयोग से वन संरक्षण की दिशा में भी आगे बढ़ाया जा रहा है।

सीएम राजे सोमवार को गोविन्दपुरा बीड़ गांव में 68वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के पर्यावरण को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए जरुरी है कि हर एक व्यक्ति इस अभियान से जुड़े और अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि एमजेएसए के दूसरे चरण में प्रदेश में 60 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्यस्तरीय वन महोत्सव के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों, ब्लॉक एवं पंचायतों में अबतक 15 लाख पौधे लगाए गए हैं। सीएम ने दूदू पंचायत समिति के सिरोहीकलां तथा फागी के सांवरियाकलां गांव का उदाहरण दिया और कहा कि एमजेएसए के तहत जल संरक्षण कार्यों के कारण चने की उत्पादकता दोगुनी हो गई। पहले एक ही फसल हो थी, अब दो फसलें मिलने लगी हैं। इस अभियान में शहरी क्षेत्रों को भी जोड़ा गया है।

केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जल एवं वन संरक्षण के लिए राजस्थान में जिस प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं, उनसे यहां का पर्यावरण तो बेहतर बनेगा ही, साथ ही ऐसे अभियान दुनियाभर के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनकर आएंगे। पीएम मोदी ने भी पर्यावरण बचाने के इस पावन अभियान के लिए प्रदेशवासियों को विशेष शुभकामनाएं दी हैं। पौधारोपण के साथ उनकी जिओ-टैगिंग कराने के नवाचार पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पेड़ों को बचाने और पनपाने के लिए विज्ञान और तकनीक का इस्तेमाल किया जाना प्रशंसनीय है।

इससे पहले सीएम व केन्द्रीय वन पर्यावरण ने बिल्व पत्र के पौधे लगाकर राज्य स्तरीय वन महोत्सव की शुरुआत की। वैदिक मंत्रोच्चारों के बीच उन्होंने मौलश्री, गूलर, पीपल, बरगद, खेजड़ी आदि के पौधे लगाए। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, विधायक अशोक परनामी, महापौर अशोक लाहोटी, वन महानिदेशक भारत सरकार सिद्धान्त दास, विधायक जगदीश नारायण मीना, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एनसी गोयल तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) एके गोयल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद थे।

-शावकों का नामकरण किया
मुख्यमंत्री राजे ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्मे तीन शावकों का नामकरण भी किया। उन्होंने मादा शावक को तारा तथा नर शावकों को तेजस और त्रिपुर नाम दिए।

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