50 years of politics, we can climb up the path: chief minister

जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि हाड़ौती की लाइफलाइन परवन सिंचाई परियोजना के नाम पर 50 साल से राजनीति होती रही, वादे कर लोगों के साथ छल किया गया, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई। हमारी सरकार ने इसे हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात एक कर दिया और नतीजा आज आप आपके सामने है। परवन का पानी अब जल्द ही हाड़ौती के कोटा, बंूदी और बारां जिले के लाखों किसानों को सरसब्ज करेगा और यहां के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाएगा। राजे शुक्रवार को बारां में सरकार की चैथी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में 6490 करोड़ की महत्वाकांक्षी परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के शिलान्यास सहित 8487 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद बड़ी संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रही थीं।
परवन बदलेगी हाड़ौती की भाग्यरेखा
राजे ने कहा कि परवन सिंचाई परियोजना के पूरा होने पर यह बारां, झालावाड़ और कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी। इस परियोजना में बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। जिसके पूरा हो जाने से 317 मिलियन घनमीटर पानी सिंचाई के लिए मिलने लगेगा। परियोजना का पहला चरण पूरा होने पर बारां के 194, झालावाड़ के 81 और कोटा जिले के 38 सहित कुल 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार 400 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि परियोजना का दूसरा चरण पूरा होने पर बारां के 118, झालावाड़ के 36 और कोटा के 170 सहित कुल 324 अतिरिक्त गांवों की 70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना में सिंचाई जल का उपयोग बून्द-बून्द और फव्वारा पद्धति से किया जाएगा। सिंचाई के साथ-साथ इस परियोजना से पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। परियोजना से 50 मिलियन घन मीटर पानी बारां, झालावाड़ व कोटा जिले के 1 हजार 821 गांवों की प्यास बुझायेगा। इस परियोजना से शेरगढ़ अभयारण्य को 16 मिलियन घन मीटर पानी मिलेगा। परियोजना के 79 मिलियन घनमीटर जल से 2970 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन हो सकेगा।

सिंचाई तंत्र को बनाया मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सिंचाई तंत्र को मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। हमने इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर 5 हजार 633 करोड़ रुपये व्यय कर करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई है। चम्बल नहर प्रणाली में हमने 383 करोड़ से 114 किमी मुख्य नहर और लाइनिंग का काम किया। चम्बल की बांयी मुख्य नहर की मरम्मत के लिए हमने 171 करोड़ रु. और दांयी नहर की मरम्मत के लिए 294 करोड़ रु. स्वीकृत किए। माही, चम्बल, साबरमती, लूनी, सूकली और पष्चिम बनास बेसिन में 540 करोड़ रुपए की लागत से 262 माइक्रो सिंचाई टैंक, 42 माइक्रो स्टोरेज टैंक और 48 चैक डेम बनवाए हैं। बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में 852 करोड़ रुपये की धौलपुर लिफ्ट परियोजना का काम भी हाथ में लिया जा रहा है। ये वो परियोजना है जो 50 वर्ष में भी जमीन पर नहीं आ पाई। इसे अब हम हकीकत में बदल रहे हैं।
किसान को बना रहे आत्मनिर्भर
राजे ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम कर रही है। किसानों की मांग पर हमने समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन और मंूगफली की खरीद शुरू की। उड़द की बम्पर पैदावार होने के कारण हमने 30 हजार मीट्रिक टन के स्थान पर 60 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया। समर्थन मूल्य पर हमने 1 लाख 74 हजार 232 किसानों से अब तक 1 हजार 41 करोड़ की 3 लाख 18 हजार 357 मीट्रिक टन सोयाबीन, उड़द, मूंग और मूंगफली खरीदी है।
कोई पंचायत गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारां जिले में हमारी सरकार ने इन 4 सालों में विकास के लिए 3787 करोड़ रु. स्वीकृत किये। जबकि पिछली सरकार ने अपने 5 वर्षों में सिर्फ 1903 करोड़ रुपये ही व्यय किए। राजे ने कहा कि झालावाड़ और बारां जिले में सड़कों का जैसा जाल बिछा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आने वाले साल में बारां और झालावाड़ की कोई ग्राम पंचायत ग्रामीण गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी। समारोह में क्षेत्रीय सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि पिछली सरकार ने इस क्षेत्र के साथ न्याय नहीं किया, जबकि हमारी सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि परवन योजना से यहां के हर खेत को पानी मिलेगा और सैंकड़ों गांवों को पेयजल मिलेगा। उन्होंने इस परियोजना की बाधाओं को दूर करने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने समारोह में राजस्थान को नये नेशनल हाइवे की सैद्धांतिक स्वीकृति एवं उच्च पुलों की सौगात दी। उन्होंने कहा कि इनका कार्य अगले तीन माह में शुरू हो जायेगा। जो इस प्रकार हैं-
कोटा-सांगोद-कवाई एनएच 103 किलोमीटर
झालावाड़-बारां एनएच 78 किलोमीटर
बारां-मांगरोल-ष्योपुर एनएच 43 किलोमीटर
परवन-फतेहगढ़-गुना-टीकमगढ़-गुलगंज एनएच 22 किलोमीटर
कवाई जंक्षन से छबड़ा-सदा कॉलोनी (एनएच-46) 48 किलोमीटर
कोटा-रावतभाटा-सिंगोली-रतनगढ़-मोरवा-मनसा-नारायणगढ़-पीपलिया मंडी-मंदसोर 68 किलोमीटर
लाखेरी-इटावा-मांगरोल 61 किलोमीटर
उनियारा-इन्द्रगढ़ 27 किलोमीटर
एनएच 90 पर परवन नदी पर उच्च पुल की 60 करोड़ की डीपीआर मंजूर
ल्हासी पुल की 16 करोड़ की डीपीआर मंजूर ।

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