army=Brahmos WPN System passes through the Rajpath during the full dress rehearsal for the Republic Day Parade-2017, in New Delhi on January 23, 2017.

-तीन देशों से हुए 20 हजार करोड़ के रक्षा करार, भारतीय सेना को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली। सर्जीकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ रिश्तों में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने अतिरिक्त सावधानी बरतना शुरू कर दिया है। तभी तो भारत ने अपनी सुरक्षा को हर स्तर पर प्रभावी के उद्देश्य से रक्षा उपकरणों के साथ युद्ध सामग्री के मामले में 20 हजार करोड़ के इमरजेंसी समझौते किए हैं। ऐसा इसलिए भी किया गया कि युद्ध की स्थिति में सेना को तत्काल तैयार किया जा सके। सूत्रों की माने तो विगत वर्ष जम्मू-कश्मीर स्थित उड़ी सेक्टर में सेना के कैम्प पर जो आतंकी हमला हुआ। उसके बाद दोनों देशों खासकर सीमा पर खासा तनाव देखने को मिला। वहीं भारत ने भी सर्जीकल स्ट्राइक की तो तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। ऐसे में युद्ध की स्थिति में सेना के पास गोला-बारुद की कमी न हो और युद्ध होने पर दस दिन तक होगा पर्याप्त गोला-बारुद. इसको लेकर केन्द्र सरकार ने इजरायल, रुस व फ्रांस के साथ रक्षा सौदों को लेकर करार किया। इसी तरह सरकार ने तीनों सेना प्रमुखों की अध्यक्षता में समितियों का भी गठन भी किया है। जिसे आपात स्थिति में विशेष वित्तीय अधिकार भी दे दिए हैं। बजट में सरकार ने यद्दपि सेना के अलग से कोई मद न दिया हो फिर भी 86 हजार करोड़ रुपए से सेना अपनी जरुरत का साजो-सामान ले रही है। यह जो करार किया गया। उसमें वायुसेना के लिए 9200 करोड़ के 43 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। जबकि रुसी कंपनियों के जरीए थल सेना की जरुरतों को लेकर 10 समझौते किए गए। भारत रुस के साथ किए गए अपने करार के तहत सेना को टी-20 टैंक व टी-72 टैंक के लिए गोला-बारुद की आपूर्ति लेगा। इस करार के साथ अब देश की सैन्य प्रणाली को मजबूती मिलेगी।

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