नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अग्रिम संगठन विश्व हिन्दू परिषद में वर्चस्व को लेकर काफी जोडतोड चल रही है। पांच दशक बाद परिषद में चुनाव हो रहे हैं। यह पहला मौका है जब चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले आपसी सहमति से मनोनयन ही होता रहा है। चर्चा है कि कई दशक से विश्व हिन्दू परिषद का कामकाज संभाल रहे और हिन्दू समाज को संगठित करने में लगे विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगडिया को हटाने के लिए चुनाव करवाए जा रहे हैं। अध्यक्ष पद पर चुनाव होते ही प्रवीण भाई तोगडिया के हाथ से विश्व हिन्दू परिषद की कमान छीन सकती है। वैसे भी प्रवीण भाई तोगडिया और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच संबंध मधुर नहीं बताए जा रहे हैं।
कुछ महीने पहले तोगडिया की गिरफ्तारी की घटना भी काफी चर्चा में रही और पूरे देश में काफी बवाल मचा था। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे। ऐसे में परिषद में हो रहे चुनाव काफी कुछ तस्वीर साफ करेंगे। वैसे तोगडिया कह रहे है कि उन्हें हटाने की कवायद चल रही है। कुछ लोग उन्हें हटाने में लगे हैं। गौरतलब है कि 14 अप्रैल को गुरुग्राम में परिषद के चुनाव होंगे। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 29 दिसंबर को उडीसा में परिषद सदस्यों की बैठक हुई थी, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं हो पाई। अब चौदह अप्रेल को बैठक रखी गई है। इसमें राघव रेड्डी और एमपी हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे के बीच चुनावी टक्कर है। जो भी चुनाव जीतेगा वह वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की जगह लेगा।