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-ग्राम सेवक को तीन साल की जेल
जयपुर। पंचायत समिति झुंझुनूं में 23 साल पहले सुनिश्चित रोजगार योजना के अंतर्गत जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से निर्माण कार्यों के लिए भेजी गई राशि में 1.55 लाख रुपए के गबन के मामले में एसीबी-एक कोर्ट में जज बलजीत सिंह ने अजीतगढ़ ग्राम पंचायत में तत्कालीन ग्राम सेवक मदन सिंह मीणा को 3 साल के कठोर कारावास एवं 30 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

इस मामले में आरोपी रहे तत्कालीन बीडीओ बलराम शर्मा तथा लेखाकार रामस्वरूप सिंह को अदालत ने 19 मई, 2016 को उन्मोचित कर दिया था। भ्रष्टाचार में आरोपी रहे तत्कालीन सरपंच सांवरमल वर्मा की चालान पेश करने से पूर्व ही मृत्यु हो गई थी। इस भ्रष्टाचार को लेकर एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। एसीबी ने कोर्ट को बताया कि पंचायत समिति ने ग्राम पंचायत में 4 लाख रुपए के 4 कार्य स्वीकृत कर 3.46 लाख रुपए की राशि भी जारी कर दी थी, लेकिन ग्राम सेवक, सरपंच, लेखाकार व विकास अधिकारी ने मिलीभगत कर केवल 1.91 लाख रुपए का कार्य कराया और 1.55 लाख रुपए की राशि का गबन कर लिया। एसीबी ने अदालत में 17 गवाहों के बयान करवाए। मुल्जिम की ओर से कहा गया कि एक सितंबर 1986 से वह ग्राम सेवक है। 1996 में उसके दो बड़े भाइयों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिससे उसकी मानसिक स्थिति खराब थी। विकास अधिकारी व लेखाकार उस पर दबाव डालकर हस्ताक्षर करवा कर ले जाते थे।

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