चेन्नई। सहारा समूह ने रविवार को कहा कि वह देश की शीर्ष बीमा नियामक ‘भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के उस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी, जिसमें सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सभी बीमा निवेशों को आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है। सहारा समूह की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, सहारा आईआरडीएआई के इस फैसले के खिलाफ अदालत में वाद दाखिल करेगी।

वक्तव्य में कहा गया है, आईआरडीएआई ने किस वजह से प्रशासक की नियुक्ति की वही जानते हैं और तथाकथित प्रशासक ने गोपनीय तरीके से अपनी रिपोटज़् आईआरडीएआई को सौंप दी, जिसमें सहारा लाइफ का सारा कारोबार किसी अन्य कंपनी को हस्तांतरित करने के लिए कहा गया है। वक्तव्य के अनुसार, यहां तक कि प्रशासक की रिपोर्ट की एक भी प्रति सहारा लाइफ को नहीं दी गई और न ही किसी तीसरी कंपनी को सारा कारोबार हस्तांतरित करने से संबंधित आदेश जारी करने से पहले किसी तरह की सुनवाई का मौक दिया गया। कंपनी ने कभी भी किसी निवेशक के खिलाफ किसी तरह का अहितकारी कार्य भी नहीं किया। आईआरडीएआई के सहारा इंडिया लाइफ से 78 करोड़ रुपये बेइमानी से निकालने के आरोप पर सहारा समूह ने कहा, वास्तव में यह राशि सहारा समूह की एक अन्य कंपनी सहारा इंडिया में प्रतिभूति राशि के तौर पर जमा रखा गया था। सहारा समूह के मुताबिक, यह व्यवस्था सहारा इंडिया लाइफ के लिए बेहद लाभदायक है, जबकि आईआरडीएआई इसका अविवेवकपूर्ण मतलब निकाल रही है।

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