जयपुर। आज से शहरों में दूध व सब्जी को लेकर किल्लत शुरू हो सकती है। अखिल भारतीय किसान महासंघ के तत्वावधान में देश 22 राज्यों के करीब 125 किसान संगठनों ने गांव बंद में शामिल होने के ऐलान के बाद राज्य की सरकारों के कान खड़े हो गए हैं। गांव बंद के पहले ही दिन किसानों ने डेयरी में बेचे जाने वाला दूध नहीं भेजा। कई गांवों से दूध को सड़क पर डाले जाने की सूचनाएं मिल रही है।

यदि इसी तरह से हालात बने रहे तो शहरों में दूध और सब्जियों की भारी किल्लत हो सकती है। राजस्थान में भी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, सीकर, कोटा, बांरा, बूंदी सहित झालावाड़ में भी गांव बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, जिला प्रशासनों ने कहा है कि अभी तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है, लेकिन किसानों के द्वारा दूध को सड़कों पर फैंकना सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकता है। सरस डेयर प्रबंधन ने दावा किया है कि दूध के कलेक्शन बूथ पर कोई कमी नहीं है, किंतु हकिकत में कई जगह कलेक्शन बूथ पर दूध ही नहीं पहुंचा है। राजधानी जयपुर में भी कई जगह दूध को सड़कों पर फैंकने के मामले सामने आए हैं।

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने, सम्पूर्ण कर्जमाफी और किसान की आय सुनिश्चित करने की मांग को लेकर यह महाबंद किया गया है। इस बंद के दौरान पशुपालक न तो अपना दूध शहर में बेचेंगे और न ही किसान सब्जियां मंड़ियों में ले जाएंगे। इस बंद का सर्वाधिक असर मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उडिसा, छत्तीसगढ़ सहित एक दर्जन राज्यों में है।

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