लखनऊ। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के अवैध बूचडखानों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के आदेश के बाद यूपी में बूचडखाने चलाने वालों में दहशत में है, खासकर वे जो बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से ऐसे गोरखधंधे में लिप्त है और गोकशी में भी लिप्त है। यूपी के कई शहरों में अवैध बूचडखानों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बंद करवा दिए हैं। कानून के डर से बहुत से बूचडखाने बंद कर दिए हैं। चुनाव से पहले भाजाप ने घोषणा पत्र में कहा था कि वे सत्ता में आएंगे तो बूचडखाने बंद करवाएंगे। योगी के सीएम बनते ही इस पर अमल शुरु हो गया है। अवैध बूचडखानों पर कार्रवाई से भले ही चुनावी घोषणा पूरी हो रही हो, लेकिन एक मसला भी सामने आया है कि इससे हजारों-लाखों लोग बेकार हो जाएंगे। प्रशासनिक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में केवल 40 बूचडख़ाने ही वैध हैं और लाइसेंसशुदा है। शेष बिना लाइसेंस के चल रहे हैं। यूपी में करीब पांच सौ से अधिक अवैध बूचडखाने चल रहे हैं। यूपी भैंस के मीट का सबसे बड़ा निर्यातक भी है। मेरठ, गाजियाबाद, अलीगढ़ में बड़ी संख्या में अवैध बूचडख़ाने हैं। इनके बंद होने से बेकारी बढ़ेगी, वहीं चमड़े के धंधे पर विपरीत असर पड़ेगा। बताया जाता है कि अकेले कानपुर से ही चमड़े का हर साल 12 अरब डालर का कारोबार है।

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